Tuesday, July 19, 2022

97. मरजीना का लोकार्पण

जुलाई 18, 2022 को संध्या 6 बजे 'पृथ्वी ललित कला एवं सांस्कृतिक केंद्र', सफ़दरजंग एन्क्लेव, नई दिल्ली में 'मरजीना' (क्षणिका-संग्रह) जो मेरी तीसरी पुस्तक है, का लोकार्पण हुआ। 
आज का दिन मेरे लिए ख़ास महत्व रखता है। 44 वर्ष पूर्व आज के दिन मेरे पिता इस संसार से विदा हुए थे। मेरे पिता की पुस्तक 'Sarvodaya of Gandhi' के नवीन संस्करण का लोकार्पण जुलाई 18, 2014 में हुआ था। मरजीना का लोकार्पण जनवरी 7, 2022 को होना था, क्योंकि मेरी पहली दोनों पुस्तकों का लोकार्पण इस तिथि को ही हुआ; लेकिन पुस्तक मेला स्थगित हो जाने के कारण हर काम अधूरा रह गया। मेरी इच्छा हुई कि मरजीना जिसे मैंने अपनी माँ को समर्पित किया है, पिता की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि के रूप में लोकार्पित हो। 
मेरी पुस्तकें 'लम्हों का सफ़र' से लेकर 'प्रवासी मन' और 'मरजीना' तक की यात्रा में कई लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। आदरणीय श्री रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु', सुश्री संगीता गुप्ता, श्री आदिल रशीद एवं प्रोफ़ेसर डॉ0 राजीव रंजन गिरि के हाथों पुस्तक का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर वक्ता के रूप में आप सभी ने बहुमूल्य वक्तव्य दिए; आप सभी का हार्दिक आभार। संगीता गुप्ता दी का हृदय से आभार; जिन्होंने अपनी आर्ट गैलरी में  लोकार्पण का सफल आयोजन किया और मुझे अपनी बात कहने और क्षणिकाएँ सुनाने का अवसर दिया।   
लोकार्पण के अवसर पर श्री बी0 के0 वर्मा 'शैदी', श्रीमती वीरबाला काम्बोज, श्री अवधेश कुमार सिंह, सुश्री अर्चना अग्निहोत्री, श्री राजेश कुमार श्रीवास्तव एवं श्रीमती मधुप्रिया, श्रीमती अनुपमा त्रिपाठी, सुश्री सुनीता अग्रवाल, श्रीमती संजु तनेजा एवं श्री राजीव तनेजा, श्रीमती अपराजिता शुभ्रा, डॉ0 आरती स्मित, श्री अनिल कुमार एवं श्रीमती अनिता कुमार, श्री मुकेश कुमार सिन्हा, डॉ0 उदयन कुमा झा, श्री मनोज कुमार सिंह, श्री हिमांशु भगत, श्री संजीव कुमार सिन्हा, सुश्री माधुरी शर्मा, श्री संकल्प शर्मा, श्री अनुभव मित्तल एवं श्रीमती प्रियंका, सुश्री मनस्विनी गुप्ता, श्री बिष्णु भारद्वाज, श्री कैलाश शर्मा भारद्वाज एवं श्री मनीष कुमार सिन्हा ने उपस्थित होकर मेरा उत्साहवर्धन किया। जिनके नाम छूट रहे हैं, उनसे मैं माफ़ी चाहूँगी। आप सभी ने इस आयोजन को सफल बनाया, वक़्त दिया और मुझे शुभकामनाएँ दीं; आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया।  
जब इस क्षणिका-संग्रह के लिए नाम सोच रही थी तो श्री आवेश तिवारी ने नाम सुझाया - मरजीना। मुझे इसका अर्थ मालूम नहीं था, सिवा इसके कि 'अलीबाबा चालीस चोर' कहानी की मुख्य पात्र मरजीना है। इसका अर्थ उन्होंने बाद में बताया, जो मेरी इस पुस्तक के लिए बहुत सटीक नाम है। 'मरजीना' शब्द अरबी भाषा के मर्जान से उत्पन्न है जिसका अँगरेज़ी अर्थ है लिटिल पर्ल अर्थात् छोटा मोती। मोती, सोना, कोरल, रूबी को मरजीना कहते हैं। 
 
यूँ तो नन्हे-नन्हे मोती सागर में पाए जाते हैं; लेकिन मेरा मन किसी सागर से कम तो नहीं! मेरी रचनाओं का सर्जन मेरे मन के सागर की अतल गहराइयों में होता है। अपने अनुभव और अनुभूतियों के छोटे-छोटे मोती इस पुस्तक में बिखेर दी हूँ, ताकि मेरे एहसास मरजीना की तरह चमकते, दमकते, लुढ़कते, फिसलते व पिरोते हुए सभी के मन तक पहुँचे तथा इसे महसूस करते हुए मेरे हिस्से का संसार, जो मेरा सरमाया है, दुनिया देखे। 
आज पुस्तक प्रेमियों को अपनी 'मरजीना सौंप रही हूँ, इस विश्वास के साथ कि मेरी लेखनी के सफ़र के हमराही बनकर आप मेरा मार्गदर्शन करेंगे, मेरी कमियाँ बताएँगे और मेरे साथ मेरी अनुभूतियों के सफ़र पर चलेंगे।
आप सभी का एक बार फिर से दिल से धन्यवाद और आभार!
- जेन्नी शबनम (18. 7. 2022)
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37 comments:

शिवजी श्रीवास्तव said...

बहुत बहुत बधाई,यूँही सृजनरत रह कर साहित्य के भण्डार को समृद्ध करती रहें।

जितेन्द्र माथुर said...

बहुतबहुत बधाई एवं शुभकामनाएं जेन्नी जी। अपने पिता की स्मृति से आबद्ध आपकी भावनाओं को मैं अनुभव कर सकता हूँ। आपका मन सचमुच ही किसी सागर से कम नहीं। अभी असंख्य मोती और निकलने वाले हैं इससे।

Anupama Tripathi said...

'मरजीना' के लोकार्पण हेतु बहुत बधाई जेन्नी जी !!आपके जीवन के महत्वपूर्ण पलों में उपस्थित रहने का मौका मुझे मिला | आनंदित हूँ ,ऐसे ही आपकी सृजन यात्रा चलती रहे !!

Pushpa mehra said...


जेन्नी जी बहुत -बहुत बधाई

पुष्पा मेहरा

Anonymous said...

आपकी पुस्तक का नाम बहुत सुंदर है। क्षणिकाएँ तो सुंदर होंगी ही। आपके मन-सागर के मोती हैं। बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ जेन्नी जी। सुदर्शन रत्नाकर

नीलाम्बरा.com said...

बहुत सुंदर कार्यक्रम, हार्दिक बधाई शुभकामनाएं।

सदा said...

आपने अपने अनुभव और अनुभूतियों के छोटे-छोटे मोती इस पुस्तक में बिखेर, माँ को समर्पित किया और पिता को श्रद्धांजलि दी .. अत्यंत भावपूर्ण है, स्नेहिल अभिनन्दन है आपका, बधाई सहित अनंत शुभकामनाएं।

Krishna said...

हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ जेन्नी जी।

HYPHEN said...

हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!

Anonymous said...

बहुत बहुत बधाई बहन

Anonymous said...

आपके मन- सागर के सुंदर मोती 'मरजीना' के लिए आपको हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएँ आदरणीया।

Ramesh Kumar Soni said...

हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

VINOD said...

बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ।

Anonymous said...

बधाई और हार्दिक शुभकामनायें

मुकेश कुमार सिन्हा said...

खूब बधाई, कार्यक्रम बेहतरीन था ........ !!

मंजु रानी सिंह said...

तुम्हें अपनी पुस्तक 'मरजीना ' के भव्य लोकार्पण के लिए बहुत बधाई।मरजीना मेरे जीवन में एक विशेष पात्र का नाम है पर शब्द की व्याख्या तुमसे जानकर और भी अच्छा लगा।क्षणिकाएँ पढ़कर बताऊंगी बाद में।अभी बहुत बहुत प्यार।

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Blogger शिवजी श्रीवास्तव said...

बहुत बहुत बधाई,यूँही सृजनरत रह कर साहित्य के भण्डार को समृद्ध करती रहें।

July 20, 2022 at 7:35 AM Delete
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आदरणीय शिवजी श्रीवास्तव जी, शुभकामनाओं के लिए आपका हार्दिक आभार!

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Blogger जितेन्द्र माथुर said...

बहुतबहुत बधाई एवं शुभकामनाएं जेन्नी जी। अपने पिता की स्मृति से आबद्ध आपकी भावनाओं को मैं अनुभव कर सकता हूँ। आपका मन सचमुच ही किसी सागर से कम नहीं। अभी असंख्य मोती और निकलने वाले हैं इससे।

July 20, 2022 at 10:37 AM Delete
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सराहना एवं शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद जितेन्द्र जी.

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Blogger Anupama Tripathi said...

'मरजीना' के लोकार्पण हेतु बहुत बधाई जेन्नी जी !!आपके जीवन के महत्वपूर्ण पलों में उपस्थित रहने का मौका मुझे मिला | आनंदित हूँ ,ऐसे ही आपकी सृजन यात्रा चलती रहे !!

July 20, 2022 at 2:16 PM Delete
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लोकार्पण के अवसर पर आप उपस्थित रहीं, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है. बहुत धन्यवाद अनुपमा जी.

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Blogger Pushpa mehra said...


जेन्नी जी बहुत -बहुत बधाई

पुष्पा मेहरा

July 20, 2022 at 2:21 PM Delete
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बहुत बहुत धन्यवाद पुष्पा मेहरा जी.

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Anonymous Anonymous said...

आपकी पुस्तक का नाम बहुत सुंदर है। क्षणिकाएँ तो सुंदर होंगी ही। आपके मन-सागर के मोती हैं। बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ जेन्नी जी। सुदर्शन रत्नाकर

July 20, 2022 at 3:03 PM Delete
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आदरणीया रत्नाकर दीदी, आपका आशीष मुझे मिलता रहे, यही कामना है. शुभकामनाओं के लिए आभार!

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Blogger नीलाम्बरा.com said...

बहुत सुंदर कार्यक्रम, हार्दिक बधाई शुभकामनाएं।

July 20, 2022 at 7:27 PM Delete
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बहुत-बहुत शुक्रिया कविता जी.

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Blogger सदा said...

आपने अपने अनुभव और अनुभूतियों के छोटे-छोटे मोती इस पुस्तक में बिखेर, माँ को समर्पित किया और पिता को श्रद्धांजलि दी .. अत्यंत भावपूर्ण है, स्नेहिल अभिनन्दन है आपका, बधाई सहित अनंत शुभकामनाएं।

July 20, 2022 at 7:39 PM Delete
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बहुत-बहुत धन्यवाद सीमा जी.

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Blogger Krishna said...

हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ जेन्नी जी।

July 20, 2022 at 7:52 PM Delete
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हार्दिक आभार कृष्णा वर्मा जी.

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Blogger HYPHEN said...

हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!

July 20, 2022 at 10:22 PM Delete
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बहुत-बहुत धन्यवाद.

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Anonymous Anonymous said...

बहुत बहुत बधाई बहन

July 20, 2022 at 10:48 PM Delete
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बहुत आभार आपका!

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Blogger Rashmi Vibha Tripathi said...

आपके मन- सागर के सुंदर मोती 'मरजीना' के लिए आपको हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएँ आदरणीया।

July 21, 2022 at 12:19 AM Delete
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आपका बहुत-बहुत शुक्रिया रश्मि विभा जी.

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Blogger Ramesh Kumar Soni said...

हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

July 21, 2022 at 11:08 AM Delete
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बहुत धन्यवाद रमेश सोनी जी.

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Blogger VINOD said...

बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ।

July 24, 2022 at 10:15 PM Delete
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बहुत-बहुत धन्यवाद.

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Anonymous Anonymous said...

बधाई और हार्दिक शुभकामनायें

July 25, 2022 at 10:07 AM Delete
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हार्दिक धन्यवाद.

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Blogger मुकेश कुमार सिन्हा said...

खूब बधाई, कार्यक्रम बेहतरीन था ........ !!

July 25, 2022 at 4:25 PM Delete
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लोकार्पण के अवसर पर तुम आए, बहुत अच्छा लगा. शुक्रिया मुकेश.

डॉ. जेन्नी शबनम said...

Anonymous मंजु रानी सिंह said...

तुम्हें अपनी पुस्तक 'मरजीना ' के भव्य लोकार्पण के लिए बहुत बधाई।मरजीना मेरे जीवन में एक विशेष पात्र का नाम है पर शब्द की व्याख्या तुमसे जानकर और भी अच्छा लगा।क्षणिकाएँ पढ़कर बताऊंगी बाद में।अभी बहुत बहुत प्यार।

July 26, 2022 at 12:16 PM Delete
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मंजु दी, आपकी शुभकामनाएँ एवं आशीष मेरे लिए प्रेरक का काम करती हैं. पुस्तक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी. बहुत आभार!

Sudha Devrani said...

मरजीना !!!
बहुत खूबसूरत नाम चुना आपने पुस्तक हेतु
बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं जेन्नी जी ! आपको तीसरी पुस्तक प्रकाशन हेतु ।

Sudha Devrani said...

..

Satish Saxena said...

बधाई एवं शुभकामनाएँ!

जयकृष्ण राय तुषार said...

बहुत बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनायें

प्रियंका गुप्ता said...

बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ