Friday, January 10, 2025

118. 'सन्नाटे के ख़त' का लोकार्पण











जनवरी माह की सात तारीख़ मेरे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण और यादगार है। वर्ष 2000 में आज के दिन मेरी बेटी का जन्म हुआ। मेरी पहली पुस्तक 'लम्हों का सफ़र' का लोकार्पण विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली में जनवरी 7, 2020 को हुआ। मेरी दूसरी पुस्तक 'प्रवासी मन' जनवरी 7, 2021 को मुझे प्राप्त हुई, जिसका अनौपचारिक विमोचन मेरी बेटी और मैंने किया। जनवरी 10, 2021 को विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर 'हिन्दी हाइकु' एवं 'शब्द सृष्टि' के संयुक्त तत्वाधान में गूगल मीट और फेसबुक पर आयोजित पहला ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मलेन हुआ, जिसमें मेरी पुस्तक 'प्रवासी मन' का औपचारिक लोकार्पण हुआ।

  
आज मेरे दिल्ली आवास पर मेरी बेटी के वर्षगाँठ के अवसर पर मेरी छठी पुस्तक 'सन्नाटे के ख़त' का लोकार्पण हुआ। अत्यन्त अनौपचारिक माहौल में पुस्तक का औपचारिक लोकार्पण हुआ। लोकार्पण के अवसर पर श्री बी. के. वर्मा 'शैदी', डॉ. पुष्पा सत्यशील, श्री आर. सी. वर्मा 'साहिल', श्रीमती नरेश बाला वर्मा, श्री अनिल पाराशर 'मासूम', श्रीमती शानू पाराशर, श्रीमती अनुपमा त्रिपाठी, डॉ. राजीव रंजन गिरि, श्री आवेश तिवारी, सुश्री संगीता मल्लिक, सुश्री शिल्पा पाटिल, श्री विभोर चौधरी, श्रीमती सोमवती शर्मा, श्रीमती दिशा शर्मा, श्री राजेश पाण्डेय, श्री राजेश कुमार श्रीवास्तव, श्री अभिज्ञान सिद्धांत, सुश्री परान्तिका दीक्षा सम्मिलित हुए।
सबसे पहले बेटी ने केक काटकर आयोजन का शुभारम्भ किया। शैदी जी व साहिल जी ने बेटी के जन्मदिन पर अपनी लिखी विशेष रचना द्वारा बेटी को आशीर्वाद दिया। मेरी रचना, जिसे मैंने बेटी के जन्मदिन पर लिखी, अनिल जी ने पढ़कर सुनाया। शैदी जी, साहिल जी एवं मासूम जी ने अपनी-अपनी रचनाएँ पढ़ीं। अनुपमा त्रिपाठी जी एवं राजेश श्रीवास्तव जी ने गीत गाए। आवेश जी ने अपनी रचना सुनाई। विभोर चौधरी जी ने हास्य व व्यंग्य द्वारा मनोरंजन किया। राजेश पाण्डेय जी ने हमारी छवियाँ अपने कैमरे में उतारीं ताकि यह दिन कभी विस्मृत न हो।  








आदरणीय शैदी जी द्वारा अँग्रेज़ी में माहिया और शुभकामना सन्देश-

कुछ तो है बात, बनाती हैं जो विशेष इसे
साल-भर जिसका कि इस दिल को इंतज़ार रहे।
आज के दिन ही तो उठती हैं उमंगें दिल में,
जनवरी सात का दिन क्यों न यादगार रहे??


माहिये-

Today is January seven
It's really Special Day 
for some special one.

We are enjoying completely
You have invited all of us 
we are grateful Jenny Ji.

Year two thousand twenty five
Will surely be better 
we shall better survive.
-0-

आदरणीय साहिल जी द्वारा काव्य-गीत द्वारा शुभकामनाएँ-

प्रिय बेटी 'ख़ुशी' के जन्मदिन के पावन अवसर पर आशीर्वाद और शुभकामनाओं के कुछ उद्गार: 07/01/2025 

-साहिल 

बधाई जन्मदिन की कर लो तुम स्वीकार ऐ बेटी
हमेशा दूँ तुम्हें आशीष और अपना प्यार ऐ बेटी
यह दिन लाता रहे हर वर्ष इक रंगत नई तुम पर
बने जीवन तुम्हारा फूलों से गुलज़ार ऐ बेटी। 

ग़मों से, आफ़तों से खेलने का नाम है जीवन
इन्हीं से ज़िन्दगी है और इन्हीं का नाम है जीवन
ख़ुशी दो दिन की है, इसको हमेशा न समझ अपना
जो जीवन में मुसीबत है, उसी का नाम है जीवन। 

ग़मों से गर उबर जाओ, इन्हीं के बाद खुशियाँ हैं
मुसीबतें झेल लो पहले, इन्हीं के बाद खुशियाँ हैं
डरो न इनसे बेटी, ये बनाएँगी तुम्हें पुख़्ता
यक़ीं मानो इन्हीं के बाद तो खुशियाँ ही खुशियाँ हैं। 

यह दिन आता रहे जीवन में तेरे हर ख़ुशी लेकर
महक लेकर चमक लेकर हँसी और ताज़गी लेकर
रहे तू स्वस्थ हरपल, चाँदनी उतरे तेरे आँगन 
तेरे जीवन में आए हर नया दिन ज़िन्दगी लेकर। 

मनाओ जन्मदिन अपना ख़ुशी से झूमकर गाओ
ये ग़म तो आने-जाने हैं ग़मों को भूलकर गाओ
जो अपने पास है अपना है, जो खोया गया समझो
न इन बातों में उलझो, आज के दिन झूमकर गाओ। 

मनाती तू रहे हर साल अपना जन्मदिन यूँ ही
मनाएँ हम भी तेरे साथ तेरा जन्मदिन यूँ ही
रहे बढ़ता सभी का प्यार जीवन में तेरे हरपल
रहे लाता नई आशा तेरा हर आज और हर कल। 
-0-

पुस्तक लोकार्पण के बाद गीत-ग़ज़ल के साथ दिन का भोजन हुआ। सभी उपस्थित विद्वजनों का स्नेह और आशीर्वाद मेरी पुस्तक और मेरी बेटी को मिला, यह मेरा सौभाग्य है। सभी का हार्दिक धन्यवाद व आभार! 

-जेन्नी शबनम (7.1.2025)
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