Tuesday, January 14, 2020

69. मेरी पुस्तक 'लम्हों का सफ़र' का लोकार्पण



'लम्हों का सफ़र' को देखते ही मन ख़ुशी से झूम उठा। पुस्तक को हाथ में लेते ही एक अजीब-सा रोमांच और उत्साह महसूस हुआ। मेरी क्षमता, योग्यता और सृजन को जैसे मैंने हाथों में पकड़ रखा हो। यों मेरी 25 से ज़्यादा साझा संकलन प्रकाशित हो चुकी हैं; परन्तु यह मेरा एकल कविता-संग्रह है इसलिए मुझे एक अलग-सा एहसास हुआ। वर्षों से यह मेरी बहुप्रतीक्षित पुस्तक है, जिसका इन्तिज़ार मुझे तो था ही, मेरे मित्रों को मुझसे भी ज़्यादा था   

मेरी पुस्तक 'लम्हों का सफ़र' जो मेरा प्रथम एकल कविता-संग्रह है, का लोकार्पण 7.1.2020 को विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली में हुआ। डॉ. राजीव रंजन गिरि, जो राजधानी कॉलेज में हिन्दी के प्रोफ़ेसर हैं, के हाथों पुस्तक लोकार्पित हुई। 'लम्हों का सफ़र' हिन्द युग्म प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। लोकार्पण से पूर्व हिन्द युग्म के स्टूडियो में सौरभ जी के साथ पुस्तक से सम्बन्धित बातचीत हुई, जिसे फेसबुक पर लाइव प्रसारित किया गया। लोकार्पण के बाद मैंने पुस्तक से कविता का पाठ किया।
   
प्रोफ़ेसर डॉ. राजीव रंजन गिरि, शायर श्री अनिल पाराशर 'मासूम' एवं उनकी श्रीमती पत्नी शानू पाराशर, लेखिका श्रीमती नीलिमा शर्मा, लेखक श्री नीलोत्पल मृणाल, हास्य कलाकार श्री विभोर चौधरी, लेखिका श्रीमती पारुल सिंह, लेखिका श्रीमती सपना बंसल 'अहसास', हिन्द युग्म के प्रकाशक श्री शैलेश भारतवासी, हिन्द युग्म की सम्पादक सुश्री ज्योति दुबे, हिन्द युग्म से जुड़े एवं कार्यरत सहयोगी, मेरी पुत्री परान्तिका दीक्षा व उसके मित्रों तथा उन सभी मित्रों का आभार जिनके कारण यह आयोजन सफल हुआ।

लोकार्पण के इस सुखद अवसर पर मित्रों, लेखकों, पुस्तक प्रेमियों, दर्शकों तथा मेरी पुत्री और उसके मित्रों ने उपस्थित होकर मुझमें ऊर्जा का संचार किया है। लोकार्पण के इस सुखद समय में मेरे साथ रहकर जिन लोगों ने मुझमें उमंग भरा है, मैं उन सभी की दिल से आभारी हूँ। मुझे सम्मान व प्रेम देने तथा मुझमें विश्वास रखने के लिए सभी का दिल से धन्यवाद व आभार। 
 
 

 
 











 
- जेन्नी शबनम (14.1.2020)
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