11. 11. 11 तारीख का पूरी दुनिया में हो रहा बेसब्री से इंतज़ार अब ख़त्म हुआ I यूँ इस तरह की कोई भी तिथि जब भी आती है जीवन में एक अलग सा उत्साह नज़र आता है I ऐसी ख़ास तिथियों को पढ़ना, बोलना और याद करना सहज लगता है I दिन, महीना और साल के अंक तो वही रहते हैं 1 से 30/31, 1 से 12 और 1 से 100 सिर्फ सन (ईस्वी) बदलता है I हर एक पल एक बार गुजरने के बाद जैसे वापस नहीं आता वैसे हीं एक बार आई हुई कोई भी तिथि कभी दोबारा नहीं आती और बहुत ख़ास होती है I इस तरह की तिथि जब भी आती है कुछ ख़ास होने का एहसास होता हीं है I साल में एक बार हीं ऐसा दिन आता है जब दिन महीना और साल का अंक एक हीं हो I पर ये भी सिर्फ 12 तक हीं होना है I और पूरी एक सदी के बाद फिर से ऐसी तिथि दोहराई जाएगी, लेकिन सदी का अंक बदल जाएगा I मुझे याद है बचपन में भी जब ऐसी कोई तिथि आती थी तो मन में एक अजीब सा उमंग आ जाता था I अक्सर सोचती थी कि अब ये तिथि दोबारा नहीं आएगी I
कोई ख़ास तिथि और कोई ख़ास दिन को हम सभी ख़ुद हीं अपने अपने हिसाब से महत्वपूर्ण बना लेते हैं I अपने नाम के लकी नंबर के हिसाब से बहुत सारे महत्वपूर्ण कार्य किये जाते हैं, जैसा कि ज्योतिषियों का परामर्श होता है, या फिर कुछ ख़ास दिन निर्धारित किये जाते हैं कि कब कोई शुभ कार्य किया जाए कब नहीं किया जाए I कुछ ख़ास रंगों का प्रयोग वर्जित कर दिया जाता है तो कुछ ख़ास रंग दिन के हिसाब से तय किया जाता है I परन्तु ये सभी व्यक्तिगत सोच और आस्था के साथ चलती है I इसे सिर्फ अंध विश्वास नहीं कह सकते बल्कि कार्य की सफलता की उत्तम संभावना के लिए किया गया एक प्रयास भी कह सकते हैं I कई बार ऐसा होता है कि मान्यताएं और विश्वास हममें आत्मविश्वास पैदा करती हैं भले कार्य फलीभूत न हो, फिर भी एक संतुष्टि रहती है कि हर संभव प्रयास किया गया I तिथियों का महत्व इस लिए और भी ज्यादा होता है कि हर एक पल हमारा अपना इतिहास बन जाता है I इस लिए ख़ास तिथि को किया गया ख़ास कार्य हमारे जीवन में यादगार बन जाए बस इतनी सी बात है I
मुझे याद है ऐसी हीं एक ख़ास तिथि 1. 1. 2000 और उससे पहले का वक़्त I मेरे लिए भी यह मिलेनियम साल ख़ास महत्व रखता था I उस साल मिलेनियम बेबी की चाह ने देश के सभी अस्पतालों में जैसे सैलाब ला दिया था I सभी अस्पताल, नर्सिंग होम और डॉक्टर पहले से बुक हो चुके थे I जिन बच्चों का जन्म 1. 1. 2000 से 10 दिन आगे पीछे होना था सभी माता पिता चाहते थे कि उनके बच्चे का जन्म उसी दिन हो I मुझे याद है मैंने अपनी डॉक्टर से कहा कि मैं भी 1 जनवरी को हीं अपने बच्चे को जन्म देना चाहती हूँ, जबकि उसका जन्म का दिन 6 या 7 तारीख निर्धारित था I डॉक्टर ने कहा कि कई सारे कम्प्लिकेशंस मेरे साथ हैं अतः ये रिस्क होगा I मेरी बेटी मिलेनियम बेबी बने हीं ये तो कहना मुश्किल था क्योंकि उस दिन करोड़ों बच्चे जन्म लेने वाले थे I
31 दिसंबर 1999 की रात एक ख़ास यादगार रात थी क्योंकि हम दूसरी सदी में प्रवेश करने वाले थे I एक अनोखा उत्साह पूरी दुनिया में व्याप्त था I हमें भी दो सदी में अपनी उपस्थिति का एहसास बड़ा अच्छा लग रहा था I बसंत विहार का एक होटल जो उन दिनों बसंत कॉन्टिनेंटल कहलाता था में बहुत बड़ा आयोजन होना था I मैं भी अपने परिवार के साथ वहाँ गई I भीड़ इतनी कि ख़ुद को संभालना मुश्किल, और मेरे गर्भ का अंतिम सप्ताह I कई लोगों ने मना किया, मैंने कहा कि जो होगा देखेंगे, कुछ हुआ तो हॉस्पिटल चल देंगे I भीड़ में सभी एक दूसरे से अलग हो गए, मेरे साथ सिर्फ मेरी माँ रह गयी I उन दिनों मेरे पास फ़ोन भी नहीं था और न पैसा लेकर चले थे I किसी तरह भीड़ में घुसकर रात का खाना खाया क्योंकि मधुमेह के कारण खाना खाना अतिआवश्यक था I एक भी कार्यक्रम नहीं देख सकी, क्योंकि वहाँ तक भीड़ में पहुंचना किसी दुर्घटना का शिकार होना था I अंत में किसी सज्जन से फ़ोन मांग कर अपने पति को फ़ोन किया और फिर हम घर वापस आये I थकावट के कारण 1. 1. 2000 को मुझे अस्पताल जाना पड़ा I डॉक्टर ने कहा कि अगर इतनी हीं इच्छा है तो आज भी डेलिवरी की जा सकती है लेकिन अगर 7 को हो तो बेहतर है I सब कुछ ठीक ठाक था अतः मिलेनियम साल के पहले दिन की इच्छा को त्याग कर निर्धारित 7 जनवरी को हीं बेटी का जन्म हुआ I
आज का दिन 11. 11. 11 यूँ तो अब 100 साल के बाद आएगा पर आज का दिन बाज़ार के लिए बहुत अच्छा साबित हो रहा है I ज्योतिषियों ने भी कहा है कि आज के दिन गाड़ी-ज़मीन-मकान का क्रय, बच्चे का जन्म, कोई महत्वपूर्ण कार्य आदि शुभ है I सुना है कि अदाकारा एश्वर्या रॉय के बच्चे का जन्म आज हीं होगा I आज क्या क्या ख़ास होता है देखते हैं I अक्सर सोचती हूँ कि प्रकृति का नियम है सबकुछ अपने तय वक़्त पर होना I सभी तारीख और दिन अपने तय वक़्त पर आयेगा हीं और ये भी मानना चाहिए कि जब जो होता है अच्छे के लिए हीं होता है I आज कि तिथि 11. 11. 11 के लिए सभी को शुभकामनाएं, सभी के लिए आज का दिन ख़ास हो !
- जेन्नी शबनम 11. 11. 11
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कोई ख़ास तिथि और कोई ख़ास दिन को हम सभी ख़ुद हीं अपने अपने हिसाब से महत्वपूर्ण बना लेते हैं I अपने नाम के लकी नंबर के हिसाब से बहुत सारे महत्वपूर्ण कार्य किये जाते हैं, जैसा कि ज्योतिषियों का परामर्श होता है, या फिर कुछ ख़ास दिन निर्धारित किये जाते हैं कि कब कोई शुभ कार्य किया जाए कब नहीं किया जाए I कुछ ख़ास रंगों का प्रयोग वर्जित कर दिया जाता है तो कुछ ख़ास रंग दिन के हिसाब से तय किया जाता है I परन्तु ये सभी व्यक्तिगत सोच और आस्था के साथ चलती है I इसे सिर्फ अंध विश्वास नहीं कह सकते बल्कि कार्य की सफलता की उत्तम संभावना के लिए किया गया एक प्रयास भी कह सकते हैं I कई बार ऐसा होता है कि मान्यताएं और विश्वास हममें आत्मविश्वास पैदा करती हैं भले कार्य फलीभूत न हो, फिर भी एक संतुष्टि रहती है कि हर संभव प्रयास किया गया I तिथियों का महत्व इस लिए और भी ज्यादा होता है कि हर एक पल हमारा अपना इतिहास बन जाता है I इस लिए ख़ास तिथि को किया गया ख़ास कार्य हमारे जीवन में यादगार बन जाए बस इतनी सी बात है I
मुझे याद है ऐसी हीं एक ख़ास तिथि 1. 1. 2000 और उससे पहले का वक़्त I मेरे लिए भी यह मिलेनियम साल ख़ास महत्व रखता था I उस साल मिलेनियम बेबी की चाह ने देश के सभी अस्पतालों में जैसे सैलाब ला दिया था I सभी अस्पताल, नर्सिंग होम और डॉक्टर पहले से बुक हो चुके थे I जिन बच्चों का जन्म 1. 1. 2000 से 10 दिन आगे पीछे होना था सभी माता पिता चाहते थे कि उनके बच्चे का जन्म उसी दिन हो I मुझे याद है मैंने अपनी डॉक्टर से कहा कि मैं भी 1 जनवरी को हीं अपने बच्चे को जन्म देना चाहती हूँ, जबकि उसका जन्म का दिन 6 या 7 तारीख निर्धारित था I डॉक्टर ने कहा कि कई सारे कम्प्लिकेशंस मेरे साथ हैं अतः ये रिस्क होगा I मेरी बेटी मिलेनियम बेबी बने हीं ये तो कहना मुश्किल था क्योंकि उस दिन करोड़ों बच्चे जन्म लेने वाले थे I
31 दिसंबर 1999 की रात एक ख़ास यादगार रात थी क्योंकि हम दूसरी सदी में प्रवेश करने वाले थे I एक अनोखा उत्साह पूरी दुनिया में व्याप्त था I हमें भी दो सदी में अपनी उपस्थिति का एहसास बड़ा अच्छा लग रहा था I बसंत विहार का एक होटल जो उन दिनों बसंत कॉन्टिनेंटल कहलाता था में बहुत बड़ा आयोजन होना था I मैं भी अपने परिवार के साथ वहाँ गई I भीड़ इतनी कि ख़ुद को संभालना मुश्किल, और मेरे गर्भ का अंतिम सप्ताह I कई लोगों ने मना किया, मैंने कहा कि जो होगा देखेंगे, कुछ हुआ तो हॉस्पिटल चल देंगे I भीड़ में सभी एक दूसरे से अलग हो गए, मेरे साथ सिर्फ मेरी माँ रह गयी I उन दिनों मेरे पास फ़ोन भी नहीं था और न पैसा लेकर चले थे I किसी तरह भीड़ में घुसकर रात का खाना खाया क्योंकि मधुमेह के कारण खाना खाना अतिआवश्यक था I एक भी कार्यक्रम नहीं देख सकी, क्योंकि वहाँ तक भीड़ में पहुंचना किसी दुर्घटना का शिकार होना था I अंत में किसी सज्जन से फ़ोन मांग कर अपने पति को फ़ोन किया और फिर हम घर वापस आये I थकावट के कारण 1. 1. 2000 को मुझे अस्पताल जाना पड़ा I डॉक्टर ने कहा कि अगर इतनी हीं इच्छा है तो आज भी डेलिवरी की जा सकती है लेकिन अगर 7 को हो तो बेहतर है I सब कुछ ठीक ठाक था अतः मिलेनियम साल के पहले दिन की इच्छा को त्याग कर निर्धारित 7 जनवरी को हीं बेटी का जन्म हुआ I
आज का दिन 11. 11. 11 यूँ तो अब 100 साल के बाद आएगा पर आज का दिन बाज़ार के लिए बहुत अच्छा साबित हो रहा है I ज्योतिषियों ने भी कहा है कि आज के दिन गाड़ी-ज़मीन-मकान का क्रय, बच्चे का जन्म, कोई महत्वपूर्ण कार्य आदि शुभ है I सुना है कि अदाकारा एश्वर्या रॉय के बच्चे का जन्म आज हीं होगा I आज क्या क्या ख़ास होता है देखते हैं I अक्सर सोचती हूँ कि प्रकृति का नियम है सबकुछ अपने तय वक़्त पर होना I सभी तारीख और दिन अपने तय वक़्त पर आयेगा हीं और ये भी मानना चाहिए कि जब जो होता है अच्छे के लिए हीं होता है I आज कि तिथि 11. 11. 11 के लिए सभी को शुभकामनाएं, सभी के लिए आज का दिन ख़ास हो !
- जेन्नी शबनम 11. 11. 11
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5 comments:
विशेष तिथियों पर सुंदर आलेख,संस्मरण उन क्षणों को ताजा कर जाते हैं.
@ आज क्या क्या ख़ास होता है देखते हैं
आज कल में ढल गया, वो दिन (11.11.11) हुआ तमाम ...
कल कुछ खास हुआ हो, सुबह-सुबह अख़बार की सुर्खियों पर नज़र डालता हूं, मुख्य समाचार है ...
महिपाल-मलखान आमने सामने आए
सीबीआई जांच में एक-दूसरे पर झल्लाए
post bhi 11.11 PM pe kiya didi:)
Taareekhain bhi man ko khush/niraash karne ka ek saadhan hai, aur andhvishwaas ki pooja...kya ho sakta hai..achchaa ya buraa....kyon bekaar main dimaG uljhayain....
theek hi likha aapne..
ईश्वर की तरफ से तो हर दिन ही शुभ
होना चाहिये.यह हमारी अपनी अपनी मान्यता
है कि हम किसको शुभ माने और किसको
अशुभ.कहीं १११ का अंक अशुभ माना जाता
है तो कहीं शुभ.आपका लेख अच्छा लगा
पढकर.आपके संस्मरण बहुत रोचक होते हैं.
आभार.
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