tag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post1185652405568821919..comments2024-03-25T21:42:17.759+05:30Comments on साझा संसार: 1. राम जन्मभूमि : बाबरी मस्ज़िदडॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comBlogger39125tag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-60646060594775484682012-07-13T16:52:08.239+05:302012-07-13T16:52:08.239+05:30दीपक बाबा जी,
मेरे ब्लॉग पर आपकी प्रतिक्रया के लिए...दीपक बाबा जी,<br />मेरे ब्लॉग पर आपकी प्रतिक्रया के लिए आभार.<br />आप जो कह रहे वो भी ईश्वर इच्छा. पंडे पुजारी तो कहते हैं और कहते रहे हैं मानना या न मानना तो अपनी इच्छा और सोच पर निर्भर करता है. चाहे भारत हो या दुनिया का कोई भी देश धर्म के कारण सबसे ज्यादा बर्बाद हुआ है. दोष सिर्फ पंडे पुजारी को ही क्यों? वो डराते हैं, वो समझाते हैं, वो स्वर्ग की राह दिखाते हैं, धन और समृधि का द्वार बताते हैं, पाप को पुण्य में बदलने के उपाय कराते हैं... पर ये सब तो तब जब हम चाहते हैं. जबरन तो वो भी नहीं करते. पंडित या धर्म गुरु तो अपना व्यवसाय करते हैं, हम इन सब चक्कर में पड़ते हैं. मुगलों का आक्रमण हो या अंग्रेजों का शासन, दोषी तो हम ही हैं.<br />पुनः धन्यवाद.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-71886484641196111852012-07-05T15:21:45.790+05:302012-07-05T15:21:45.790+05:30@बाबर नें मंदिर को ढहा कर मस्ज़िद बनाया तो संभव है...@बाबर नें मंदिर को ढहा कर मस्ज़िद बनाया तो संभव है कि राम की मंशा रही हो ये भी? राम भी ईश्वर के हीं अवतार हैं, और मान्यता के अनुसार बिना इश्वरिये इच्छा के एक पत्ता तक हिल नहीं सकता, ईश्वर सर्वव्यापी है|<br /><br /><br />इसी मानसिकता ने तो भारत देश कर बेडा गर्क किया है. मुस्लिम आक्रांता का लूटते रहे, ध्वंस्त करते रहे रहे तो पंडे/पुजारी राजपूतों को यही समझाते रहे कि ये ईश्वरीय इच्छा है.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-87666791641991994302010-07-09T16:26:34.153+05:302010-07-09T16:26:34.153+05:30Hello Jenny Ji,
R u Great...muje aap...Hello Jenny Ji,<br /><br /><br /> R u Great...muje aapke Vichar aur aapka lekh bahut accha laga.........Tahnk's<br /><br />Regards<br /><br />hemant sharmaHemant Sharmahttps://www.blogger.com/profile/17858317767073587078noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-20617914466360042009-12-18T15:57:09.766+05:302009-12-18T15:57:09.766+05:30बेदिल,
मेरे ब्लॉग पर स्वागत है| इस मसले पर आपकी रा...बेदिल,<br />मेरे ब्लॉग पर स्वागत है| इस मसले पर आपकी राय सटीक और सोचने वाली है|<br />बाबरी मस्ज़िद को अगर एक पवित्र स्थान न मानकर एक इमारत भी मान लिया गया होता जिसे हमारे पूर्व के शासक ने बनाया था, तो इतना बड़ा बवाल कर न उसे ढहाने की ज़रूरत थी, न उसके नाम पर सांप्रदायिक दंगा कराने की, और न उसको लेकर राजनीति करने की| कल को अगर ये साबित हो जाये कि राष्ट्रपति भवन या संसद भवन के नीचे कोई मंदिर था, या मस्ज़िद था तो क्या उसे भी तोड़ दिया जाए? हजारो लोग मारे गये, वर्षों से इसपर छानबीन और सरकारी धन की बर्बादी, और फिर भी मुद्दा जहाँ का तहाँ| सच कहा आपने कि आज अयोध्या की आम जनता दहशत में जीती है, मंदिर में भी शांति से पूजा नहीं कर सकते| वजह बस एक है कि अगर इन मुद्दों को न उठाया गया तो आम जनता एक जुट हो सकती है, और जीवन से जुड़े आर्थिक सामजिक राजनितिक मुद्दों पर सोचने और फैसले लेने में सक्षम हो सकती है| राजनेताओं के हाथ से आम जनता निकल गई तो मोहरा कौन बनेगा, कौन दंगा फसाद करेगा, किसपर ये अपनी सत्ता चलाएंगे, वोट बैंक हाथ से निकल जायेगा| नेता तो न चेतेंगे लेकिन आम जन को ये सब सोचना बेहद ज़रूरी है, कि गड़े मुर्दों को उखाड़ कर उस पर हो रही राजनीति का हिस्सा बनना बंद करें| अन्यथा वो लोग ऐसे न जाने कितने बवाल उठाते रहेंगे और आपस में जनता को लड़ा कर अपना हित साधेंगे| <br />आपका बहुत बहुत धन्यवाद प्रखर सोच केलिए|डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-11475055282602558612009-12-15T00:39:31.868+05:302009-12-15T00:39:31.868+05:30bahut khub kaafi achcha lekh hai... kuch meri raay...bahut khub kaafi achcha lekh hai... kuch meri raaye ...<br /><br />ज़हिर उद-दिन मुहम्मद (14 फरवरी 1483 – 26 दिसम्बर 1530) जो बाबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ। वह भारत में मुगल वंश का संस्थापक था। उसने बड़ी ही शान ओ शोकत से बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया था, जिसमे लाखो मजदूरो का पसीना और कई वर्षो की महनत लगी हुई थी, मगर देश के सियासतदानों को इस बात से कोई फर्क नही पड़ता की यह मस्जिद किसने बनायीं या कितनी महनत लगी वो कहते है ना बनाने में वर्षो लग जाते है मगर तोड़ने में पल भर भी नहीं लगता, एक मत के लिए जबरदस्ती करवाए गए दंगो से नेताओं का तो कुछ नहीं गया ना उस वक़्त ना फिलहाल के दिनों में ही मगर अयोध्या के ना जाने कितने परिवारों की रातों की नींद और दिन का चेन छीन गया इस कुकर्म से, यहाँ तक की सिर्फ एक ईमारत के तोर पर भी उससे सुरक्षित नहीं किया गया, अगर इस मस्जिद पर बवाल हो सकता है तो मुद्दा दिल्ली में भी उठाया जा सकता है क्योकि यहाँ भी विभिन परकार की मस्जिदे मोजूद है मगर आज से १७ साल पहले हालात कुछ और थे आज कुछ और है, मुद्दा यहाँ ये नहीं है की कितने मरे कितने घ्याल हो गए , मुद्दा यह की बाबरी मस्जिद को एक ईमारत के रूप में भी बचाया ना गया, अब कोई मंत्री जी से पूछे मस्जिद के सामने जो राम का मंदिर है वहा भी कौन अपना माथा शान्ति से टेक सकता है, नेताओ के दो मिनट के भाषण से आज १७ साल से वही आग जल रही है करने वाले मर गए भर हम रहे है.Deepak "बेदिल"https://www.blogger.com/profile/01414031848249106414noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-89744092410594372472009-12-14T12:35:37.294+05:302009-12-14T12:35:37.294+05:30rajesh sahab,
yun aapka profile nahi isliye yah gy...rajesh sahab,<br />yun aapka profile nahi isliye yah gyaat nahin ki aapka parichay kya hai. parantu aap mere blog tak aaye aur mere vichaaron ko padhe, ye khushi ki baat hai. sambhaw hai ki desh ke in jatil samasyaaon par aaap spasht soch na rakhte hon ya kuchh kahne se parhej rakhte hon, shayad isliye profile na banaya ho. aapka sasmman swaagat hai mere blog par. aage bhi aapke vichaar ya mere blog par aane keliye aamantrit hain. dhanyawaad.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-21907645599358683442009-12-14T12:26:38.508+05:302009-12-14T12:26:38.508+05:30शहरोज़ साहब,
मेरे ब्लॉग पर आपका आना मेरी खुशकिस्मत...शहरोज़ साहब,<br />मेरे ब्लॉग पर आपका आना मेरी खुशकिस्मती है| साझा-संसार नाम हीं इसे इसलिए दी हूँ कि इसमें अपने वैसे विचारों को जगह दे रही जिसका सरोकार सम्पूर्ण समाज से है और भद्रजनों की प्रतिक्रिया द्वारा उनके विचार भी जान और समझ सकती हूँ| आपने सही कहा कि कौन सुनता है, किसे सुनाएँ? लेकिन मेरा मानना है कि अगर हम चुप भी रहे तो क्या होगा? अगर मेरी बात कोई एक भी सुने और समझ सके, तथा उस विषय पर चर्चा के द्वारा एक आम सहमति बन सके जिससे ज़रा सा भी समाज को फायदा हो तो छोटा हीं सही एक प्रयास सभी को ज़रूर करना चाहिए| <br />मेरे लिए किसी भी मज़हब का कोई अर्थ नहीं, न इन बातों में मेरी कोई आस्था है| महज़ इंसानी धर्म है जिसे मैं मानती हूँ और चाहती हूँ कि जिसकी मर्ज़ी जिस संप्रदाय से जुड़े या आस्था रखें, लेकिन उस वजह से दूसरे को क्यों मजबूर किया जाये? किसी के डर से अपनी स्पष्ट राय बदलनी भी नहीं चाहिए| सहमति असहमति की अपेक्षा मैं नहीं रखती, परन्तु अपनी बात और सोच मैं अवश्य निर्भय होकर कहती हूँ| यकीन है आप मेरी बात समझ सकेंगे, और उम्मीद रखूंगी की आप के विचारों में जो बेबाकी और धार हैं सदैव बनायें रखेंगे| शुभकामनाओं के साथ शुक्रिया!डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-69777769580777873522009-12-14T09:06:13.173+05:302009-12-14T09:06:13.173+05:30आदित्य जी,
आपका एक बार पुनः धन्यवाद, आप यहाँ दुबार...आदित्य जी,<br />आपका एक बार पुनः धन्यवाद, आप यहाँ दुबारा आये और उस विवादित जगह पर एक उचित और सार्थक हल की बात कहे| मेरे विचार से किसी भी आम जनता से पूछा जाये तो सभी इस बात के लिए सहमत होंगे कि वहां न मंदिर बने न मस्ज़िद बल्कि कोई भी सार्वजनिक हित के लिए उस स्थान का इस्तेमाल किया जाये| चाहे वहां विद्यालय बने, अस्पताल बने या आपने जो सुझाया वैसा वृहत सार्वजनिक स्थान| आम सहमति होते हुए भी इस पर सिर्फ राजनीति हो रही, कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जा रहा है| आपके विचार और आपके सुझाव जो आम जन की राय भी है, इस दिशा में कुछ सशक्त कदम उठाने हेतु एक पुरजोर आन्दोलन की ज़रूरत है| आपका बहुत आभार!डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-49737624554095632332009-12-14T08:51:08.043+05:302009-12-14T08:51:08.043+05:30आवेश जी,
बहुत सही कहा आपने कि जबतक धर्म की राजनीति...आवेश जी,<br />बहुत सही कहा आपने कि जबतक धर्म की राजनीति बंद नहीं होगी ऐसी कोई न कोई घटनाएँ होती रहेंगी| आज आतंकी गतिविधियों के मूल में भी धार्मिक भावना से खिलवाड़ का हीं नतीजा है| आम जनता को उनके जीवन के वास्तविक मुद्दे से दूर रखने का सबसे आसान तरीका है उनकी धार्मिक आस्था को लेकर राजनीति करना और कुछ खास वर्ग के फायदा द्वारा वर्चस्व बनाये रखना| आपने मेरी बात को समझा है, बहुत ख़ुशी हुई| यहाँ आने और आपकी प्रतिक्रिया केलिए बहुत धन्यवाद!डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-50426890283806471632009-12-14T08:37:59.041+05:302009-12-14T08:37:59.041+05:30आदित्य जी,
बहुत सही कहा आपने, ये विवादित मसला आस्थ...आदित्य जी,<br />बहुत सही कहा आपने, ये विवादित मसला आस्था का मुद्दा हीं नहीं है| धर्म नितांत व्यक्तिगत बात है, इसे किसी मत या सम्प्रदाय से जोड़ना हीं गलत है| आज आतंकी गतिविधियों की बात करें या तालिबान की, या फिर कई देशों में एक संप्रदाय के होते हुए भी अलग मत को मानने वालों की, या अपने देश में जहाँ मज़हबी चाल की गुंजाइश नहीं फिर जाति और उपजाति को भड़काए जाने की| कभी भाषा को मुद्दा बनाया जाता तो कभी क्षेत्र को| कभी धर्म परिवर्तन तो कभी परंपरा को मुद्दा बनाया जाता|<br />इन सभी के पीछे शासन सत्ता की भूख़ के अलावा कुछ भी नहीं| आश्चर्य है कि बाबरी मस्जिद विध्वंश को कैसे कहा जाता कि ये साजिश नहीं थी, अब और क्या साजिश हो सकती जब रथ यात्रा निकाला जाता, राम शिला इकठ्ठा किया जाता, उसी विवादित जगह पर मंदिर निर्माण के लिए भड़काया जाता| और इन सबके बाद लिब्राहन आयोग पर करोड़ो खर्च के बाद भी बात वहीं की वहीं| कौन थे साजिश रचने वाले, किनके इशारे पर ये हुआ, हर आम जनता जानती है, फिर इसपर क्यों बहस| भीड़ की अपनी कोई सोच नहीं होती ये राजनेता भी जानते, और इसका फायदा उन गरीबों और नासमझों को बरगला कर एक भीड़ बना देते, जिन्हें राम या अल्लाह के नाम पर उकसा कर उनकी अपनी ज़रूरत भूख़ और शिक्षा से महरूम करते, और ऐसे मुद्दों में मरने और मारने केलिए महज एक शारीर की तरह इस्तेमाल किये जाते| देश हीं नहीं दुनिया की इस अफसोसजनक स्थिति पर मूक बने हम सभी बस यूँ आपसी चर्चा के बाद अपने अपने काम में व्यस्त हो जाते|<br />कहीं से सुधार की कोई गुंजाइश नहीं दिखती|<br />आपकी प्रतिक्रिया जानकार बेहद ख़ुशी हुई, सभी अपने सोच को यूँ विस्तृत करें तो बहुत सी समस्याएं हल हो जाये| आपका बहुत आभार, मेरी बात को आपने समझा और अपने बहुमूल्य प्रतिक्रिया द्वारा मुझे समर्थन किया| आपके विचार जानकार देश के भविष्य के प्रति थोड़ी आशा जागती है, परन्तु इन विचारों को आम जनता तक पहुंचाने की ज़रूरत है| आपको मेरी शुभकामनायें कि देश के प्रति आप अपने कर्त्तव्य में संलग्न रहें| धन्यवाद!डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-64097805611241729502009-12-13T22:57:37.275+05:302009-12-13T22:57:37.275+05:30किशोर जी,
मेरी कविता हो या मेरे लेख आप सदा मेरा हौ...किशोर जी,<br />मेरी कविता हो या मेरे लेख आप सदा मेरा हौसला बढ़ाते रहे हैं| बेहद ख़ुशी हुई आपके विचार जानकार जो आपने प्रतिक्रियास्वरुप लिखा है...<br />''बूंद बूंद से अमृत का घड़ा भी भर ही जाएगा'' <br />बहुत सही कहा आपने की बूँद बूँद से अमृत का घड़ा भर हीं जायेगा| आशा और उम्मीद तो ज़रूर है कि कोई दिन ऐसा अवश्य आयेगा जब दुनिया में अमन-चैन होगा भले हम हों या न हों| कुछ ज्यादा न सही लेकिन कोशिश तो ज़रूर करती हूँ कि समाज के हित में थोड़ा भी कुछ कर सकूँ| आपका आशीष ऐसे हीं मिलता रहे उम्मीद रहेगी| यहाँ आने और अपने विचार देने केलिए धन्यवाद!डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-55111254314088954172009-12-13T22:09:17.382+05:302009-12-13T22:09:17.382+05:30रामा भैया,
यही तो समझ की बात है, जिस गलती को कभी क...रामा भैया,<br />यही तो समझ की बात है, जिस गलती को कभी किसी ने किया था उसका बदला किसी और से लेना जो कुछ किया हीं नहीं, और वो भी उन बातों केलिए जिसका जीवन में कोई औचित्य हीं नहीं| धर्म तो मन की बात है, जिसे जन्म लेने के बाद हम बच्चों पर थोपते हैं, न कि जन्मजात कोई बच्चा मज़हबी होता| आज तक इन सवालों का जवाब नहीं मिला, कि मज़हब मानो या कि न मानो इसमें किसी और को क्या आपत्ति, और क्यों जब कोई खुद को धार्मिक कहता तो मज़हब की बात लाता| जाने कब लोग धर्म और मज़हब को समझेंगे? मेरी बात आपको अच्छी लगी मेरे लिए ख़ुशी की बात है| यकीन है आपका स्नेह और आशीष मुझे मिलता रहेगा, और यूँ हीं आपसे दिशा निर्देश की उम्मीद भी रहेगी| बहुत धन्यवाद!डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-81343222453377062662009-12-13T21:52:01.593+05:302009-12-13T21:52:01.593+05:30इंदु जी,
मेरे लेख पर आपकी प्रतिक्रिया पढ़ कर बेहद ...इंदु जी,<br />मेरे लेख पर आपकी प्रतिक्रिया पढ़ कर बेहद ख़ुशी हुई| सच कहा आपने कि धार्मिक उन्माद में जो मारे जाते उनमें ये धर्म के ठेकेदार या उनके अपने कोई नहीं होते, सदा आम आदमी मारा जाता, फिर भी आम लोग ये बात क्यों नहीं समझते| आपका सुझाव बेहद पसंद आया, अगर उस विवादित स्थान पर एक विद्यालय खुल जाये तो अति उत्तम हो, हर बच्चों में एक सच्चा इंसान होता, और सुनहरे भविष्य की हम उम्मीद कर सकते हैं| आपका बहुत आभार यहाँ आने और सार्थक प्रतिक्रिया द्वारा एक अच्छी दिशा की दिखाने केलिए| धन्यवाद!डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-38118683685971517642009-12-13T21:16:48.667+05:302009-12-13T21:16:48.667+05:30abha ji,
mere blog par aap aai aur meri baat ko sa...abha ji,<br />mere blog par aap aai aur meri baat ko samjhi, mere liye behad khushi ki baat hai. ummid hai ki aap yun hin mere vichaaron ko padhne aur apni bahumulya pratikriya ke sath sadaa mera sahyog karti rahengi. meri to hamesha yahi koshish rahti hai ki sampurn samaj mein aman chain rahe, aur main kisi bhi tarah ismein apni saarthak bhoomika nibhaa sakun. yaha aane aur mujhe samajhne keliye bahut aabhar aapka.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-41892646023468402462009-12-13T19:51:52.690+05:302009-12-13T19:51:52.690+05:30arif sahab,
kisi ek party ki baat hin nahin, aaj h...arif sahab,<br />kisi ek party ki baat hin nahin, aaj har party ka charitra ek saa hai. mazhab hamari kamjori hai tabhi to angrejon ne iska faayada uthaaya aur desh bata. usi raah par chal kar takreeban sabhi neta aam janta ko aapas mein lada kar apna fayada uthaa rahe. aaj aam janta ke jaagruk hone ki zarurat hai, agar aam janta unka sath na de to koi bhi mazhab ke naam par kutil chaal na chal sakega aur na hi unko mohra bana kar apna swaarth pura kar sakega. <br />aashcharya hota ki ek taraf hum pragati ki baat karte hain to dusri taraf soch ka dayara itna sankuchit ki dusre mazhab ke log ko sama nahi paate. mazhab to nitaant vyaktigat soch hai, jiwan ke prati ek drishtikon, ismein aapsi ranjish kyu, ye main aajtak samajh na saki.<br />aap mere lekh ko samjhe mere liye behad khushi ki baat hai. aapse sadaiv uchit pratikriya ki ummid rahti hai. saabhaar dhanyawaad.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-64963691501874059242009-12-13T19:14:38.255+05:302009-12-13T19:14:38.255+05:30Dr.jaiprakash ji,
aap mere blog par aaye yahi bahu...Dr.jaiprakash ji,<br />aap mere blog par aaye yahi bahut khushi ki baat hai. aapse meri lambi-lambi bahas aise saamaajik vishayon par kai baar ho chuki hai. aapse mere vichaar mein buniyaadi bhinnata hai. isliye aapse is vishay par samarthan ki ummid nahin rakhti, parantu is samasya ke hal ke liye aap sabhi se sasamman nivedan zarur karti hun ki kuchh saarthak sochen taaki ab aur isase judi hinsaatmak ghatnayen band ho. aakhir kab tak is ghaaw ko ubhaar kar swarthpurti ki jati rahegi, chaahe neta ho ya isase jude log.<br />aapke vichaar ki prateeksha rahegi, saabhaar dhanyawaad.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-37486016540268740772009-12-13T18:58:13.421+05:302009-12-13T18:58:13.421+05:30ashok ji,
is mudde par mere vichaar aur salaah aap...ashok ji,<br />is mudde par mere vichaar aur salaah aapko pasad aaye, behad khushi hui. jin baaton ka ab koi auchitya nahin, aise dukhad muddon ko ukhaad kar behad zaruri baaton se aam janta ko bhatkaane ki saajish hai. kaash ki raajnetaon ke sath hi aise bhatke dimaag ki janta bhi is baat ko samjh paati. aapka bahut aabhar yahan aane aur meri baat ko samajhne keliye.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-48753957416709864992009-12-12T14:19:30.016+05:302009-12-12T14:19:30.016+05:30niceniceUnknownhttps://www.blogger.com/profile/14386320976150085819noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-41796892124446601922009-12-11T09:14:01.335+05:302009-12-11T09:14:01.335+05:30दीपा,
तुम मेरी बात को समझ सकी, बेहद ख़ुशी हुई| हर ...दीपा,<br />तुम मेरी बात को समझ सकी, बेहद ख़ुशी हुई| हर आम इंसान इसे समझता फिर भी उनके शिकंजे में फंस हीं जाता, राजनेता हों या धर्म के ठेकेदार अपनी चाल में कामयाब होते और देश में ऐसे हादसे होते रहते| मेरे लेख तक आने और अपनी प्रतिक्रिया देने केलिए तुम्हारा शुक्रिया|डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-76122620398836738662009-12-11T09:07:52.500+05:302009-12-11T09:07:52.500+05:30प्रीती,
यही तो हर आम इंसान को चाहिए दो वक़्त की रो...प्रीती,<br />यही तो हर आम इंसान को चाहिए दो वक़्त की रोटी और चैन की नींद| पर इस रोटी केलिए हीं धार्मिक भावना से खिलवाड़ कर ये तथाकथित धर्म के ठेकेदार अपनी मंशा पूरी करते, चाहे धर्म परिवर्तन की बात हो या आतंकी गतिविधि हो या दंगा फसाद हो| मेरे लेख पर आपके विचार मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, आपका बहुत बहुत धन्यवाद!डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-68384612151532398972009-12-11T08:59:06.580+05:302009-12-11T08:59:06.580+05:30रश्मि जी,
आप सही कह रही हैं कि कोई भी शिक्षित मज़ह...रश्मि जी,<br />आप सही कह रही हैं कि कोई भी शिक्षित मज़हबी द्वेष नहीं रखता, अज्ञानियों द्वारा ये सब किया जाता| पर सबसे बड़ी समस्या यही है कि कथित शिक्षित महज़ डिग्रियों से शिक्षित हैं, विचार से शिक्षित होते तो देश की आज़ादी के इतने साल बाद भी उन्हीं परिस्थितियों में देश नहीं होता जैसा आज़ादी से पूर्व था, बल्कि स्थिति और भी दयनीय हो गई है| मेरे विचार से आपका सहमत होना मेरे लिए ख़ुशी की बात है| मेरे लेख पर आपने अपना वक़्त और बहुमूल्य वक्तव्य दिया, मन से आभार आपका| धन्यवाद!डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-87458902101908398572009-12-11T08:44:34.993+05:302009-12-11T08:44:34.993+05:30MEHTA AK Ji,
मेरे लेख को आपने समय दिया और बहुमूल्य...MEHTA AK Ji,<br />मेरे लेख को आपने समय दिया और बहुमूल्य प्रतिक्रिया द्वारा मेरी बात को सराहा है, मेरे लिए बेहद ख़ुशी की बात है| धर्म से अब आस्था का कोई सम्बन्ध रह हीं नहीं गया है, महज राजनीति और एक दूसरे को आहत पहुंचाने का ज़रिया बनता जा रहा है| अमूमन सभी शिक्षित वर्ग इसे समझते फिर भी देश की दुर्दशा बढती जा रही| कोई हल नहीं दीखता, महज़ अफ़सोस हीं कर पाते हैं हम सभी| आपका बहुत आभार मेरे विचार आपको उचित लगे| धन्यवाद!डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-72965611669772604202009-12-10T19:24:57.223+05:302009-12-10T19:24:57.223+05:30आवेश की स्क्रैप-बुक में आपके इस ब्लॉग का पता मिला....आवेश की स्क्रैप-बुक में आपके इस ब्लॉग का पता मिला.और दौड़ा चला आया.सिर्फ इसलिए भी की साझा-सरोकार के लिए मैं भी संघर्षरत हूँ.इस नाम से एक ठिकाना भी बनाया है.<br />खैर! आपके साहस की दाद देता हूँ!बहुत खूब लिखा है आपने.लेकिन किसके लिए.कौन सुनता है.किसे सुनाएँ.आज तो लोग गलियाने में भी गुरेज़ नहीं करते.अपने रचना-संसार पर अभी ही कुछ दिनों पूर्व -नाम तो हमको भी अपने कातिलों का याद है- लिखा था.खूब बजाय गया मुझे.<br />लेकिन जानती हैं, मैं घबराया नहीं!और आप भी न घब्रायेंगी,<br />पुन:मुबारक बाद!شہروزhttps://www.blogger.com/profile/02215125834694758270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-56007686666943296032009-12-09T09:04:14.276+05:302009-12-09T09:04:14.276+05:30Aavesh ji,
Achchhi soch wale desh ke bahut saare ...Aavesh ji,<br /><br />Achchhi soch wale desh ke bahut saare logon ki rai me Ayodhya vivad ke shantipoorna hal hetu is vikalp ka pakshdhar hai.<br /><br />Yadi, is par aam sahmati ban sake aur hamari pradesh aur kendra ki sarkar ka mat ban paaye to ye ho sakta hai. Aisee sthiti me mera sujhav ye hoga ki:<br /><br />* wahan bachchon ka ek bahut bada park banaya jaaye,<br /><br />* Is park me unke liye ek bahut achchhi library ho,<br /><br />* unke sanskritik vikas ko gati dene hetu karyakram ayojit karne ke liye ek bada Auditorium aur bahut saari Art Galleries hon, <br /><br />*unke sharirik vikas ke liye khel kood ki sabhi suvidhayen hon aur Khel-pratyogitaon ke liye stadium ho,tatha<br /><br />* Delhi ke Pragati maidan ki Tarah exhibitions ayojit karne ke liye alag se structure banaya jaaye.<br /><br />Aaditya Singh (softpinch@gmail.com)Softpinch Coolfeelhttps://www.blogger.com/profile/04884509585808006897noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-69952840851428887822009-12-08T22:05:56.175+05:302009-12-08T22:05:56.175+05:30जेन्नी जी आपने जो एक बात कही हैं अब इन यादों को सह...जेन्नी जी आपने जो एक बात कही हैं अब इन यादों को सहेजते हुए एक धरोहर की तरह दर्शनीय स्थल बना देना चाहिए जिसे हर इंसान देख सके, जहाँ कभी कोई राम जन्म लिया होगा या फिर पवित्र अजान गूंजती रही होगी| ये हमने अब से पहले कभी नहीं सुनी थी |जब तक देश में धर्म को लेकर धंधेबाजी ख़त्म नहीं होगी ,बाबरी मस्जिद जैसी घटनाएँ होती रहेंगी ,साहसिक लेखन के लिएबधाई .Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16315054585574087560noreply@blogger.com