tag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post6569485287917603298..comments2024-03-25T21:42:17.759+05:30Comments on साझा संसार: 77. सुशांत अब सदा के लिए शांत हो गया है डॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comBlogger33125tag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-27350131821425470692021-04-12T21:02:35.174+05:302021-04-12T21:02:35.174+05:30 Blogger जितेन्द्र माथुर said...
एक दुखद घटना... Blogger जितेन्द्र माथुर said...<br /><br /> एक दुखद घटना पर अत्यंत वस्तुपरक एवं विचारोत्तेजक लेख लिखा है आपने जेन्नी जी । इस संदर्भ में मेरे विचार भी आप जैसे ही हैं ।<br /><br /> February 3, 2021 at 1:29 PM Delete<br />_____________________________________________________<br /><br />मेरे विचार से आपकी सहमति के लिए आभार जितेन्द्र जी. आभार. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-47398929278089144472021-02-03T13:29:41.018+05:302021-02-03T13:29:41.018+05:30एक दुखद घटना पर अत्यंत वस्तुपरक एवं विचारोत्तेजक ल...एक दुखद घटना पर अत्यंत वस्तुपरक एवं विचारोत्तेजक लेख लिखा है आपने जेन्नी जी । इस संदर्भ में मेरे विचार भी आप जैसे ही हैं ।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-89093349622506335122020-07-09T21:54:29.415+05:302020-07-09T21:54:29.415+05:30Blogger प्रियंका गुप्ता said...
हर इंसान आज य...Blogger प्रियंका गुप्ता said...<br /><br /> हर इंसान आज यहाँ भीड़ में भी घिरा हुआ अकेला है...| सुशांत के बारे में जितना पढ़ा है, उससे पता चलता है कि वो अति-भावुक और संवेदनशील लड़का था, जो दुनिया की चालबाजी और बुराइयों को दिल पर ले गया, जो उस जैसे भावुक इंसान के साथ अक्सर होता है | जो हुआ बहुत दुखद है, व्यक्तिगत रूप से उसे न जानने के बावजूद उसके जाने से आँखें नम हैं और मन उदास...|<br /><br /> June 19, 2020 at 10:16 AM Delete<br />___________________________________________________<br /><br />प्रियंका जी, फ़िल्मी कलाकारों को व्यक्तिगत रूप से तो नहीं जानते हम लेकिन उनकी फिल्में देखकर एक अपनत्व-सा हो जाता है, और ऐसे में इस तरह किसी का चले जाना मन को बहुत दुखा जाता है. सुशांत की मृत्यु के शोक से उभरना कठिन है सभी के लिए. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-76081727641839286212020-07-09T21:49:32.601+05:302020-07-09T21:49:32.601+05:30 Blogger Jyoti Singh said...
ऐसी खबरें तकलीफ ... Blogger Jyoti Singh said...<br /><br /> ऐसी खबरें तकलीफ बढ़ा देती है ,किसी भी परिस्थिति में मानसिक संतुलन बनाए रखना बहुत ही जरूरी है,नमन<br /><br /> June 18, 2020 at 6:54 PM Delete<br />________________________________________________<br /><br />यह बहुत ज़रूरी है ज्योति जी.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-13733537915409803452020-07-09T21:48:02.597+05:302020-07-09T21:48:02.597+05:30 Blogger vandan gupta said...
आह, सटीक
J... Blogger vandan gupta said...<br /><br /> आह, सटीक<br /><br /> June 17, 2020 at 7:59 PM Delete<br />__________________________________<br /><br />जी वंदना जी.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-33467789085517875002020-07-09T21:46:49.436+05:302020-07-09T21:46:49.436+05:30आदरणीय महावीर जी,
आपकी प्रतिक्रिया के लिए बहुत आभ...आदरणीय महावीर जी,<br /><br />आपकी प्रतिक्रिया के लिए बहुत आभार. परन्तु मैं सोचती हूँ कि अगर ऐसा होता तो सुशांत को पहले ही न कोई फिल्म मिली होती न टी वी सीरियल में काम. सुशांत चल रहा था, लोगो में उसके लिए क्रेज था. उसने कई सारी हिट फिल्में दी हैं. ऐसे में सुशांत के लिए यह नहीं कह सकते कि उसे किसी ने आगे बढ़ने से रोका. जहाँ तक बात है लॉबी की तो वह चाहे फिल्म इंडस्ट्री हो या हम जैसे आम लोगों की ज़िन्दगी, हर जगह लॉबी और एक दूसरे का पैर खींचना होता रहता है. ऐसे में हम सभी किसी तरह खुद को स्थापित कर चलते जाते हैं. सुशांत के साथ भी यह हो रहा होगा लेकिन सिर्फ यह कारण आत्महत्या की नहीं हो सकती. क्योंकि सुशांत तो अब है नहीं जो वह बता सके अपने अवसाद का कारण. हर कोई जो अब उसके पक्ष में बोल रहा है, तब क्यों नहीं उसके साथ खड़ा हुआ. चाहे वह कंगना रनाउत हो या कोई और, जो कह रहे कि सुशांत को कर्ण जौहर, तीनों खान या कोई अन्य ने आगे बढ़ने नहीं दिया. कंगना तो खुद फिल्म बनाती है, उसने क्यों नहीं अपने फिल्म में सुशांत को काम दिया? दूसरों पर आरोप लगाना आसान होता है. अनुपम खेर हो या उसकी पत्नी किरण खेर उनके ज़हर उगलने का वीडियो तो कई बार देख चुके हैं. फिल्म इंडस्ट्री ही एक ऐसी जगह है जहाँ हिन्दू मुसलमान नहीं होता है. आम पब्लिक और ख़ास विचारधारा वाले लोग हर जगह यह करते हैं. <br /><br />करण जौहर के लिए या किसी को भी हिजड़ा कह कर अपमानित करना हमारे धर्म का का अपमान है, क्योंकि शिखंडी महाभारत काल में हुआ जिसने शंकर जी की घोर तपस्या की थी. जो भी जिस रूप में जन्म लेता है उसमें उसका कोई योगदान नहीं होता. प्रकृति से उन्हें यह रूप मिला है. क्या मालूम कल किसके घर में ऐसे बच्चे पैदा हो जाएँ. <br /> <br />सलमान खान का व्यक्तिगत जीवन चाहे जो भी हो इससे हम पब्लिक को प्रभावित नहीं होना चाहिए. वह सुपरहिट हीरो है, और इस कारण उसे हर मामले में फंसा दिया जाता है. सलमान खान ने जितने ज्यादा लोगों को मदद की है और फिल्म इंडस्ट्री में खड़ा किया है किसी ने नहीं किया. <br /> <br />खान बंधु इसलिए टिके हुए हैं और उन्हें दिक्कत इसलिए नहीं होती है क्योंकि वे उम्दा कलाकार हैं. फिर भी शाहरुख खान की लगातार कई फिल्में फ़्लॉप हुई हैं. शाहरुख आज भी फिल्म इंडस्ट्री पर राज कर रहा है, जबकि उसका भी कोई गॉड फादर नहीं था. कोई गॉड फादर हो तो काम मिलना आसान होता है लेकिन खुद को टिकाये रखने के लिए उसका काम मायने रखता है.<br /><br />अगर उम्र और पड़ाव की बात हो तो सबसे पहले अमिताभ बच्चन को फिल्म में काम करना बंद करना चाहिए. खान बंधु तो अभी 50 के ऊपर हैं लेकिन वे 70 के ऊपर. <br /><br />यहाँ जितने भी नाम आपने लिए हैं वे सभी एक ख़ास राजनितिक पार्टी के पैरोकार हैं. इस पार्टी के लिए उनके अलावा न कोई धार्मिक है न देश भक्त. फ़िल्मी दुनिया हमारे ही समाज का अंग है. राजनीतिक पार्टी हो या आम जीवन हर जगह पहचान और चाटुकारिता का बोलबाला है. ऐसे में फ़िल्मी दुनिया के लिए अलग मानदंड क्यों? जो गलत है वह हर जगह और सबके लिए गलत होनी चाहिए.<br /><br />सुशांत की मृत्यु पर हर लोग एक दूसरे पर आरोप लगा रहा है. सुशांत की पीड़ा क्या थी कोई नहीं जानता. सुशांत तो चला गया, उसके अवसाद का कारण जो भी, अब उसकी मृत्यु पर दुर्भावना बंद करनी चाहिए. जब तक कोई जीता है तब तक कोई नहीं पूछता मर जाने पर हर कोई दाँव खेल रहा है. बहुत दुखद स्थिति है और बहुत अफसोसनाक भी. सुशांत, उसके परिवार और उसके फैन्स को उसकी यादों के साथ छोड़ देना चाहिए, सभी को अपनी अपनी राजनीति बंद करनी चाहिए. जितने भी कलाकार गुम हो रहे हैं, आशा है अनुपम, कंगना जैसे लोग 'हिन्दू आउटसाइडर कलाकारों' को काम देंगे और ऊपर उठाएँगे.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-35619805616346436812020-07-09T21:45:42.549+05:302020-07-09T21:45:42.549+05:30Blogger MahavirUttranchali said...
सुशांत सिं...Blogger MahavirUttranchali said...<br /><br /> सुशांत सिंह के हत्यारों को पहचानये:—कर्ण जौहर (धर्मा प्रोडक्शन), यशराज फिल्म्स, सलमान–शाहरुख़–आमिर लॉबी किस तरह से गायको:—अरिजीत, उदित नारायण, सोनू निगम व अभिजीत को गाना नहीं देते? अभिनय में बेहतर करने वाले:— सुशान्त राजपूत, नील नितिन 'मुकेश', अनुपम खेर, परेश रावल व अभिनेत्री कंगना रनाउत को जलील करती है! ये लोग किसी भी प्रतिभावान हिन्दू कलाकारों को अथवा बाहर से आए हुए कलाकार को बॉलीवुड में नहीं देखना चाहते हैं क्यूँकि फ़िल्मी दुनिया में पैसा है और ये कर्ण जौहर जैसे नीच मानसिकता के नपुंसक इसे अपनी बपौती समझते हैं! इन सभी को इनके किये पर सबक़ सिखाने का वक्त यही है अब ऐसी मुहिम चले जो बॉलीवुड का जिहाद रोक सके! इन सबका आर्थिक-राजनैतिक व सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। तभी सुशांत की आत्मा को शांति मिल पायेगी।<br /> सलमान खान ने ऐश्वर्या के प्रेम में पड़कर विवेक ओबरॉय का कैरियर चौपट किया। बॉलीवुड सिंगर अर्जीत सिंह के पीछे हाथ धो के पड़ा और कैरियर खत्म करने की धमकी भी दी थी। यहीं सुशांत सिंह राजपूत के भी पीछे भी यही पड़ा था। विश्वसनीय से ख़बर मिली है कि एक फ़िल्म थी '' ड्राइव'' जिसमे सलमान खान अपने किसी चहेते को डेब्यू करवाना चाह ता था, लेकिन फ़िल्म लगी सुशांत के हाथ। ये फ़िल्म बनी लेकिन उसे कोई वितरक सलमान ने नहीं मिलने दिया। अतः सिनेमाहाल में रिलीज न करवाके साजिशन नेटफ्लिक्स पे ये फिल्म डाल दी गई। ये बात नवंबर की है और माना जाता है कि उसी के कुछ दिन बाद से सुशांत सिंह राजपूत मानसिक तनाव में चले गए।<br /> एक उदाहरण "सरबजीत" फिल्म से है। उत्कृष्ट अभिनेता रणदीप हुड्डा का। जो बताता है कि बॉलीवुड में आज भी अंडरवर्ड का सिक्का चलता है। अंडरवर्ड के इशारे पे फिल्म में रोल तय होते हैं। "सरबजीत" फिल्म ने पाकिस्तान का घिनोना चेहरा दुनिया के सामने रखा था। "सरबजीत" का दमदार किरदार निभाने के लिए रणदीप हुड्डा जैसे कुशल अभिनेता ने 27 दिनों में 30 किलोग्राम अपना वजन कम किया था। और "सरबजीत" फिल्म के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दाव पर लगा दिया था। लेकिन फिल्मों से जुडी किसी भी संस्था ने इस फिल्म के लिए एक पुरस्कार देने योग्य नहीं समझा। और अच्छा अभिनय दिखने का नतीजा ये हुआ है कि बड़े फ़िल्मी बैनर्स ने इसे 3 साल से एक भी फिल्म का प्रस्ताव नहीं दिया है। बस यही काफी है साबित करने के लिए कि बॉलीवुड एक "ऑउटसाइडर" का कितना समर्थन और सराहना करता है... अंडरवर्ड का ही असर हैं—जिसने भी हिंदू व हिन्दुस्तान की बात की उसका कैरियर तबाह कर दिया जाता है। और तो और इसी अंडरवर्ड के कारण खान बंधुओं को आज तक फिल्म उद्योग में कोई दिक्कत नहीं हुई। बल्कि इनकी फिल्मों का फाइनेंस भी हाथों हाथ हो जाता है। अंडरवर्ड के तलवे चाटने वाले उम्र के अन्तिम पड़ाव में लगभग ५०+ सभी खान बन्धु सलमान-आमिर-शाहरख-सैफ़ कॉलेज के लौंडे बने आज भी टिके हुए हैं। थू है ऐसी बिचार धारा को जहाँ प्रतिभावान नए सितारों को वक़्त से पहले टूटने पर विवश किया जाता है।<br /><br /> June 17, 2020 at 11:41 AM Delete<br />_____________________________________________________________________<br /><br />डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-6841213454572235552020-07-09T21:38:27.852+05:302020-07-09T21:38:27.852+05:30Blogger प्रतिभा सक्सेना said...
ईश्वर दिवंगत...Blogger प्रतिभा सक्सेना said...<br /><br /><br /> ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपनी शरण में स्वीकारे !<br /> ॐ शान्ति!<br /><br /> June 17, 2020 at 6:16 AM Delete<br />_______________________________________<br /><br />जी प्रतिभा जी.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-84477671970336282592020-07-09T21:37:41.722+05:302020-07-09T21:37:41.722+05:30 Blogger http://sanadpatrika.blogspot.com/ said...... Blogger http://sanadpatrika.blogspot.com/ said...<br /><br /> स्तब्ध और सकते में हूं. सुशांत सिंह राजपूत क्यों रुला दिए भाई. किन किरदारों को याद करूं. सोन चिरैया इस तरह उड़ जाएगी नहीं पता था. आंखें भीगीं हैं और दिल परेशान. आपका जाना बेतरह झकझोर गया.<br /><br /> June 17, 2020 at 4:19 AM Delete<br />_____________________________________________<br /><br />सुशांत ने अपनी अदायगी से लोगों का दिल जीता और अपनी मृत्यु से सभी को रुला गया.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-49987141919327470382020-07-09T21:28:02.623+05:302020-07-09T21:28:02.623+05:30Blogger Jyoti khare said...
सुशांत का जाना और...Blogger Jyoti khare said...<br /><br /> सुशांत का जाना और अपने पीछे कई सवालों को छोड़ जाना हमें बहुत दिनों तक मथता रहेगा, दरअसल सुशांत की आत्महत्या के पीछे उसे निगलेट करने की साजिश रही है , वह अपने नकारेजाने से आहत था,प्रताड़ित था जब हम जिस समाज को अपना समझते हैं और फिर वही समाज हमारी जड़ों पर मठा डालने लगता है तो हम अवसाद में आ जाते हैं, सुशांत इसी अवसाद में जी रहे थे.<br /><br /> आपने सुशांत की मृत्यु पर जो आलेख लिखा है यह मनोदशा की ठोस और सारगर्भित पड़ताल है.<br /> सार्थक और सटीक आलेख<br /> सादर<br /><br /> June 17, 2020 at 3:36 AM Delete<br />________________________________________________<br /><br />सुशांत की मृत्यु के बाद ढेरों अनुमान और संदेह उत्पन्न हो रहे हैं. किसी एक उत्तर की उम्मीद तो अब है नहीं. उसकी मनोदशा क्यों ऐसी हुई, यह सच में चिंतित करती है युवा पीढ़ी के लिए. क्योंकि वह बहुत सफल अभिनेता था और काफी लोकप्रिय भी. यूँ तो काफी लोग आत्महत्या करते हैं, हर बार मन दुखी होता है, लेकिन जाने क्यों सुशांत की आत्महत्या ने मन को झकझोर दिया है. <br />डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-83247380869734227502020-07-09T21:23:23.873+05:302020-07-09T21:23:23.873+05:30 Blogger Sanjay Grover said...
मुझे लगता है क... Blogger Sanjay Grover said...<br /><br /> मुझे लगता है कि दोनों ही जीवन से पलायन के तरीक़े हैं-उल्टे-सीघे समझौते करके सफ़लता(!) पाना भी और आत्महत्या भी.<br /><br /> June 16, 2020 at 10:04 PM Delete<br />________________________________________________<br /><br />सही कहा आपने संजय जी. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-12559940130621615172020-07-09T21:21:59.441+05:302020-07-09T21:21:59.441+05:30 Blogger Sudershan Ratnakar said...
यह दुखद स... Blogger Sudershan Ratnakar said...<br /><br /> यह दुखद समाचार सुनते ही मन में एक टीस सी उठी कि एक सफल और धरती से जुडा कलाकार ऐसा कैसे कर सकता है पर उसने किया ।और उसका कारण था अवसाद ।आपने सही कहा है आज अकेलेपन का कारण संवादहीनताऔर संवेदनहीनता है और यही अवसाद का कारण है।आवश्यकता जीवन शैली को बदलने की है,नहीं तो पता नहीं कितने सुशांत जाते रहेंगे।<br /> मार्मिक भावाभिव्यक्ति<br /><br /> June 16, 2020 at 6:30 PM Delete<br />________________________________________________________<br /><br />सुशांत एक बड़ा कलाकार था इसलिए हम सभी यह सब जान सके. न जाने ऐसे कितने सुशांत हैं जो उम्र से पहले चले जाते हैं अवसाद के कारण.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-88407102013511594242020-07-09T21:19:32.372+05:302020-07-09T21:19:32.372+05:30Blogger डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...Blogger डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...<br /><br /> मार्मिक प्रस्तुति।<br /> --<br /> दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि।<br /><br /> June 15, 2020 at 3:34 PM Delete<br />_______________________________________<br /><br />जी शास्त्री जी. बस श्रधांजलि ही दे सकते हम.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-46470747880026086522020-07-09T21:18:02.383+05:302020-07-09T21:18:02.383+05:30Blogger Sunil "Dana" said...
सफल व्...Blogger Sunil "Dana" said...<br /><br /> सफल व्यक्ति जब अवसाद के दौर से गुजरता है तो उसका बनाया घेरा वो तोड़ नहीं पाता । न ही उस घेरे में किसी बाहरी को प्रवेश की अनुमति वो देता है । शायद यही वजह है अपनी वेदना पीड़ा वो व्यक्त नहीं कर पाते हैं । अकेले छटपटाते हैं । एक होनहार कलाकार का काम आयु में यूं चले जाना दुःखद है । नमन !!!💐<br /><br /> June 15, 2020 at 1:20 PM Delete<br />_____________________________________________________________<br /><br />हाँ सुनील जी, सही कहा आपने. अवसाद से घिरा व्यक्ति अपने चारों तरफ ऊँची दिवार खड़ी कर लेता है, बाहर से तो सब अच्छा दिखता है लेकिन भीतर क्या हो रहा कोई जान नहीं पाता है. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-1019670571949089322020-07-09T21:14:44.265+05:302020-07-09T21:14:44.265+05:30Blogger ऋता शेखर 'मधु' said...
बेहद द... Blogger ऋता शेखर 'मधु' said...<br /><br /> बेहद दुःखद रहा सुशांत का जाना...एक कलाकार किसी एक प्रदेश से बंधकर नहीं रहता किन्तु हमारे प्रदेश और शहर का वह युवा कलाकार मन को टीस से भर गया।<br /> अभी उसे बहुत आगे तक जाना था।<br /><br /> June 15, 2020 at 9:09 AM Delete<br />________________________________________________________________<br /><br />हाँ ऋता जी, बिहार का गर्व था वह. उसका यूँ जाना सभी को स्तब्ध कर गया है.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-32692551671077672762020-07-05T17:56:15.055+05:302020-07-05T17:56:15.055+05:30 Blogger kirti dubey said...
बहुत सटीक लिखा आ... Blogger kirti dubey said...<br /><br /> बहुत सटीक लिखा आपने।<br /><br /> June 15, 2020 at 6:16 AM Delete<br />________________________________<br /><br />शुक्रिया डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-35867417800566513492020-07-05T17:55:39.347+05:302020-07-05T17:55:39.347+05:30Blogger Pallavi saxena said...
ॐ शांति🙏🏼इस ...Blogger Pallavi saxena said...<br /><br /> ॐ शांति🙏🏼इस के अतिरिक्त और कुछ कहने के लिए बचा ही नही।<br /><br /> June 15, 2020 at 12:12 AM Delete<br />________________________________________________<br /><br />हम सभी निःशब्द हैं. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-16053846517042501672020-07-05T17:53:58.376+05:302020-07-05T17:53:58.376+05:30Blogger राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर = RAJA Kumaren...Blogger राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर = RAJA Kumarendra Singh Sengar said...<br /><br /> ये लोग जिस दुनिया में रहते हैं वहाँ अकेलापन इनका खुद का बनाया हुआ है. विडम्बना यह है कि हम सब भी इसी तरह की दुनिया अपने आसपास बनाते चले जा रहे हैं.<br /><br /> June 14, 2020 at 11:47 PM Delete<br />________________________________________________________<br /><br />फिल्म इंडस्ट्री की दुनिया भले अलग है लेकिन वहाँ काम करने वाले भी हमारी तरह ही जीते हैं. चाहता तो कोई नहीं लेकिन इस अकेलेपन का निर्माण कब कैसे होता चला गया पता नहीं. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-11772904652436205062020-06-19T10:16:03.896+05:302020-06-19T10:16:03.896+05:30हर इंसान आज यहाँ भीड़ में भी घिरा हुआ अकेला है...| ...हर इंसान आज यहाँ भीड़ में भी घिरा हुआ अकेला है...| सुशांत के बारे में जितना पढ़ा है, उससे पता चलता है कि वो अति-भावुक और संवेदनशील लड़का था, जो दुनिया की चालबाजी और बुराइयों को दिल पर ले गया, जो उस जैसे भावुक इंसान के साथ अक्सर होता है | जो हुआ बहुत दुखद है, व्यक्तिगत रूप से उसे न जानने के बावजूद उसके जाने से आँखें नम हैं और मन उदास...|प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-59852187716716299442020-06-18T18:54:44.036+05:302020-06-18T18:54:44.036+05:30ऐसी खबरें तकलीफ बढ़ा देती है ,किसी भी परिस्थिति में...ऐसी खबरें तकलीफ बढ़ा देती है ,किसी भी परिस्थिति में मानसिक संतुलन बनाए रखना बहुत ही जरूरी है,नमन<br />Jyoti Singhhttps://www.blogger.com/profile/04419073316265642693noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-30694672360231440232020-06-17T19:59:09.239+05:302020-06-17T19:59:09.239+05:30आह, सटीकआह, सटीकvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-75953867250713879682020-06-17T11:41:30.313+05:302020-06-17T11:41:30.313+05:30सुशांत सिंह के हत्यारों को पहचानये:—कर्ण जौहर (धर्...सुशांत सिंह के हत्यारों को पहचानये:—कर्ण जौहर (धर्मा प्रोडक्शन), यशराज फिल्म्स, सलमान–शाहरुख़–आमिर लॉबी किस तरह से गायको:—अरिजीत, उदित नारायण, सोनू निगम व अभिजीत को गाना नहीं देते? अभिनय में बेहतर करने वाले:— सुशान्त राजपूत, नील नितिन 'मुकेश', अनुपम खेर, परेश रावल व अभिनेत्री कंगना रनाउत को जलील करती है! ये लोग किसी भी प्रतिभावान हिन्दू कलाकारों को अथवा बाहर से आए हुए कलाकार को बॉलीवुड में नहीं देखना चाहते हैं क्यूँकि फ़िल्मी दुनिया में पैसा है और ये कर्ण जौहर जैसे नीच मानसिकता के नपुंसक इसे अपनी बपौती समझते हैं! इन सभी को इनके किये पर सबक़ सिखाने का वक्त यही है अब ऐसी मुहिम चले जो बॉलीवुड का जिहाद रोक सके! इन सबका आर्थिक-राजनैतिक व सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। तभी सुशांत की आत्मा को शांति मिल पायेगी। <br />सलमान खान ने ऐश्वर्या के प्रेम में पड़कर विवेक ओबरॉय का कैरियर चौपट किया। बॉलीवुड सिंगर अर्जीत सिंह के पीछे हाथ धो के पड़ा और कैरियर खत्म करने की धमकी भी दी थी। यहीं सुशांत सिंह राजपूत के भी पीछे भी यही पड़ा था। विश्वसनीय से ख़बर मिली है कि एक फ़िल्म थी '' ड्राइव'' जिसमे सलमान खान अपने किसी चहेते को डेब्यू करवाना चाह ता था, लेकिन फ़िल्म लगी सुशांत के हाथ। ये फ़िल्म बनी लेकिन उसे कोई वितरक सलमान ने नहीं मिलने दिया। अतः सिनेमाहाल में रिलीज न करवाके साजिशन नेटफ्लिक्स पे ये फिल्म डाल दी गई। ये बात नवंबर की है और माना जाता है कि उसी के कुछ दिन बाद से सुशांत सिंह राजपूत मानसिक तनाव में चले गए।<br />एक उदाहरण "सरबजीत" फिल्म से है। उत्कृष्ट अभिनेता रणदीप हुड्डा का। जो बताता है कि बॉलीवुड में आज भी अंडरवर्ड का सिक्का चलता है। अंडरवर्ड के इशारे पे फिल्म में रोल तय होते हैं। "सरबजीत" फिल्म ने पाकिस्तान का घिनोना चेहरा दुनिया के सामने रखा था। "सरबजीत" का दमदार किरदार निभाने के लिए रणदीप हुड्डा जैसे कुशल अभिनेता ने 27 दिनों में 30 किलोग्राम अपना वजन कम किया था। और "सरबजीत" फिल्म के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दाव पर लगा दिया था। लेकिन फिल्मों से जुडी किसी भी संस्था ने इस फिल्म के लिए एक पुरस्कार देने योग्य नहीं समझा। और अच्छा अभिनय दिखने का नतीजा ये हुआ है कि बड़े फ़िल्मी बैनर्स ने इसे 3 साल से एक भी फिल्म का प्रस्ताव नहीं दिया है। बस यही काफी है साबित करने के लिए कि बॉलीवुड एक "ऑउटसाइडर" का कितना समर्थन और सराहना करता है... अंडरवर्ड का ही असर हैं—जिसने भी हिंदू व हिन्दुस्तान की बात की उसका कैरियर तबाह कर दिया जाता है। और तो और इसी अंडरवर्ड के कारण खान बंधुओं को आज तक फिल्म उद्योग में कोई दिक्कत नहीं हुई। बल्कि इनकी फिल्मों का फाइनेंस भी हाथों हाथ हो जाता है। अंडरवर्ड के तलवे चाटने वाले उम्र के अन्तिम पड़ाव में लगभग ५०+ सभी खान बन्धु सलमान-आमिर-शाहरख-सैफ़ कॉलेज के लौंडे बने आज भी टिके हुए हैं। थू है ऐसी बिचार धारा को जहाँ प्रतिभावान नए सितारों को वक़्त से पहले टूटने पर विवश किया जाता है। <br />MahavirUttranchalihttps://www.blogger.com/profile/05574967729120963409noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-38302418296927491592020-06-17T06:16:58.049+05:302020-06-17T06:16:58.049+05:30
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपनी शरण में स्वीकारे !
ॐ... <br />ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपनी शरण में स्वीकारे !<br />ॐ शान्ति!<br />प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-18764703607448905332020-06-17T04:19:23.360+05:302020-06-17T04:19:23.360+05:30स्तब्ध और सकते में हूं. सुशांत सिंह राजपूत क्यों र...स्तब्ध और सकते में हूं. सुशांत सिंह राजपूत क्यों रुला दिए भाई. किन किरदारों को याद करूं. सोन चिरैया इस तरह उड़ जाएगी नहीं पता था. आंखें भीगीं हैं और दिल परेशान. आपका जाना बेतरह झकझोर गया.<br />http://sanadpatrika.blogspot.com/https://www.blogger.com/profile/10067804930852552786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-40942027343983880012020-06-17T03:36:54.742+05:302020-06-17T03:36:54.742+05:30सुशांत का जाना और अपने पीछे कई सवालों को छोड़ जाना ...सुशांत का जाना और अपने पीछे कई सवालों को छोड़ जाना हमें बहुत दिनों तक मथता रहेगा, दरअसल सुशांत की आत्महत्या के पीछे उसे निगलेट करने की साजिश रही है , वह अपने नकारेजाने से आहत था,प्रताड़ित था जब हम जिस समाज को अपना समझते हैं और फिर वही समाज हमारी जड़ों पर मठा डालने लगता है तो हम अवसाद में आ जाते हैं, सुशांत इसी अवसाद में जी रहे थे.<br /><br />आपने सुशांत की मृत्यु पर जो आलेख लिखा है यह मनोदशा की ठोस और सारगर्भित पड़ताल है.<br />सार्थक और सटीक आलेख<br />सादरJyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.com