tag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post2419537851269041391..comments2024-03-25T21:42:17.759+05:30Comments on साझा संसार: 52. सावन में बरसाती टोटके डॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-73443612938378527832016-01-15T11:55:43.930+05:302016-01-15T11:55:43.930+05:30बहुत ही सुन्दर रोचक और उम्दा प्रस्तुति.
आभार बहुत ही सुन्दर रोचक और उम्दा प्रस्तुति.<br /><br />आभार Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-8580220701487063022015-12-17T08:10:10.466+05:302015-12-17T08:10:10.466+05:30Surendra shukla" Bhramar"5 said...
उम्दा...Surendra shukla" Bhramar"5 said...<br />उम्दा भावाभिव्यक्ति....यह सब सुनना बड़ा अच्छा लगता है<br /><br />_____________________________________________<br /><br />बहुत आभार सुरेन्द्र शुक्ला जी.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-19245018768141441372015-09-30T18:17:54.456+05:302015-09-30T18:17:54.456+05:30उम्दा भावाभिव्यक्ति....यह सब सुनना बड़ा अच्छा लगता ...उम्दा भावाभिव्यक्ति....यह सब सुनना बड़ा अच्छा लगता हैSurendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-41260303311730985412015-09-20T21:11:15.762+05:302015-09-20T21:11:15.762+05:30vibha rani Shrivastava said...
जिसका जन्म ननिहाल म...vibha rani Shrivastava said...<br />जिसका जन्म ननिहाल में हुआ हो वो आँगन में दीया जलाये तो भी बारिश रुकने का टोटका मानते हैं बिहार में<br />__________________________________________<br /><br />विभा जी, हर प्रांत में अलग अलग टोटका है. एक और जानने को मिला, बहुत धन्यवाद.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-37317161685598262032015-09-20T21:08:20.104+05:302015-09-20T21:08:20.104+05:30Sonal Rastogi said...
meri daadi gudiya ulti taang...Sonal Rastogi said...<br />meri daadi gudiya ulti taang deti thi baarish rokne ke liye,yaa ghar ki sabse boodhi aurat binaa kapdon ke chhat par jaati thi<br />________________________________________<br /><br />विभिन्न प्रान्तों की पुरानी प्रथाएँ बहुत मज़ेदार हुआ करती थी. यह सब सुनना बड़ा अच्छा लगता है. धन्यवाद सोनल. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-38795701843911445952015-09-20T21:00:28.665+05:302015-09-20T21:00:28.665+05:30डॉ. कौशलेन्द्रम said...
टोटका नहीं .....खाली दुकान...डॉ. कौशलेन्द्रम said...<br />टोटका नहीं .....खाली दुकानदार का बटखरा तौलने जैसा है यह । <br /><br />बरसाती टोटके लिखकर, मालूम है आपने क्या किया है ? <br />आपने किताब के पन्नों में दबे बरसों पुराने मौलश्री के फूलों को निकालकर बिखेर दिया है ...इन दबे-मुड़े सूखे फूलों की बसी हुयी ख़ुश्बू मेरे अंतस में भीतर तक समाती चली जा रही है । गाँव के दृष्यों को उनकी असली ख़ुश्बू के साथ परोसने के लिये "धन्यवाद" एक बहुत मामूली सा शब्द है । बस ! इतना कहूँगा ... "पाँव परतानी जीनी दिदिया !"<br /><br />डॉ. कौशलेन्द्रम said...<br />आप चुमुक की तरह बीते क्षणों को वर्तमान में खींच लाने में माहिर हैं । हमारे जैसे लोगों के लिये यह किसी संजीवनी से कम नहीं हुआ करता । आपके शांतिनिकेतन वाले किस्से, भागलपुर के यतीमख़ाने के किस्से अभी भी मेरी स्मृति में जीवंत हैं .......। आपसे इसीलिये शिकायत भी है ..... कई बार लम्बी डुबकी लगा जाती हैं आप !<br />_______________________________________________________________________________<br /><br />आदरणीय कौशलेन्द्र जी,<br />गोड़ लागी ले डाक्टर भाई जी. <br />मेरे लेख पर आपके भाव और भावना से मन अत्यंत प्रसन्न है. ये टोटके किस्से के रूप में मेरी माँ और उनकी मित्र से सुना है, जिन्हें वे कभी किया करती थीं. अब उनके लिए भी यह सब किस्सा ही है जो किताब में दबे मौलश्री के फूलों की तरह उनकी यादों में रह गया है. <br />हाँ, सच है, काफी दिनों तक गायब हो जाती हूँ लेकिन लौट आती हूँ यादों को फिर से जीने के लिए. आपने मेरे पुराने लेखों को याद रखा यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है. कोशिश करूँगी कि लेखन में निरंतरता बनाये रखूँ. स्नेहाशीष के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद. <br /><br />डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-23052050801559171062015-09-20T20:37:21.480+05:302015-09-20T20:37:21.480+05:30JEEWANTIPS said...
सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिक...JEEWANTIPS said...<br />सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..<br />मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार...<br />_____________________________________<br /><br />आपका शुक्रिया.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-62529513541277390282015-09-20T20:35:58.734+05:302015-09-20T20:35:58.734+05:30रूपचन्द्र शास्त्री मयंक said...
आपकी इस प्रविष्टि्...रूपचन्द्र शास्त्री मयंक said...<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (22-08-2015) को "बौखलाने से कुछ नहीं होता है" (चर्चा अंक-2075) पर भी होगी।<br />--<br />_____________________________<br /><br />बहुत बहुत आभार रूपचन्द्र शास्त्री जी.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-9063590462764573032015-09-20T20:26:50.271+05:302015-09-20T20:26:50.271+05:30Blogger Kailash Sharma said...
बहुत रोचक जानकारी.....Blogger Kailash Sharma said...<br />बहुत रोचक जानकारी...पुराने समय में सभी समस्याओं के लिए कुछ न कुछ टोटके हुआ करते थे जिनको धीरे धीरे लोग भूलते जा रहे हैं...<br /><br />Blogger Kailash Sharma said...<br />बहुत रोचक जानकारी...वैसे देश के सभी हिस्सों में बारिस रोकने के लिए अलग अलग टोटके अपनाये जाते हैं....<br />____________________________________________<br /><br />पुराने ज़माने के टोटके भले ही कारगर न हों लेकिन लोगों को आपस में जोड़ कर रखते थे. इन सबके विस्मृत होने से आपसी दूरी भी बढ़ गई है. आपके विचारों के लिए बहुत आभार कैलाश जी.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-39497267922400567782015-09-20T20:24:19.308+05:302015-09-20T20:24:19.308+05:30from: hiren k.ram
to: "डॉ. जेन्नी शबनम"...from: hiren k.ram <br />to: "डॉ. जेन्नी शबनम" <br />date: Fri, Aug 21, 2015 at 11:07 AM<br />subject: Re: [साझा संसार] 52. सावन में बरसाती टोटके<br /><br />आपने बहुत अच्छी कथा से अवगत कराया है.ऐसी कथाओं से शहरी लोग अपरचित ही हैं.उन्हें तो न सावन का पता चलता है और न ही बारिश में भीगने का आनंद.<br />मुझे पता है आज भी गाँवों तथा छोटे कस्बों में हर मौसम को किस तरह आनंदित हो मस्ती भरे गीत गाते हुए झूमने लगते हैं.उन्हें करीब से देखना अच्छा लगता है.<br />इतनी खुबसूरत कथा से परिचय करवाया है आपने, इसके लिए आभारी हूँ.<br />अशोक आंद्रे <br />_______________________________________<br /><br />अशोक आंद्रे जी, गाँव और कस्बों का जीवन प्रकृति के बहुत करीब है. रोज़मर्रा का जीवन हो या परम्परा सब कुछ प्रकृति के अनुसार ही चलता है. किस्से, कहानी, कहावत, टोटके आदि ग्रामीण जीवन का अंग है. हम शहरवासी अपने अपने घरों में बंद न मौसम का आनंद लेते हैं न जीवन का. सचमुच गाँव का जीवन अपनी तरफ खींचता है. <br />आपकी सराहनीय प्रतिक्रिया के लिए बहुत धन्यवाद. मुझपर यूँ ही अपना आशीष बनायें रखें. आभार. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-72504188244853365912015-09-20T20:10:14.612+05:302015-09-20T20:10:14.612+05:30Rameshwar Kamboj
to: jenny shabnam
date: Fri, Au...Rameshwar Kamboj <br />to: jenny shabnam <br />date: Fri, Aug 21, 2015 at 8:06 AM<br />subject: Re: [साझा संसार] 52. सावन में बरसाती टोटके<br />_____________________________________________<br /><br />भैया, आपका स्नेह और आशीष यूँ ही सदैव मिलता रहे, यही आकांक्षा है. बहुत बहुत आभार आपका. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-12106081291740838472015-09-20T20:05:57.183+05:302015-09-20T20:05:57.183+05:30from: Pran Sharma
to: "डॉ. जेन्नी शबनम"...from: Pran Sharma <br />to: "डॉ. जेन्नी शबनम" <br />date: Thu, Aug 20, 2015 at 10:32 PM<br />subject: Re: [साझा संसार] 52. सावन में बरसाती टोटके<br />___________________________________________________<br /><br />आपकी सराहनीय प्रतिक्रिया और आशीर्वाद से अभिभूत हूँ. आपका हार्दिक आभार प्राण शर्मा जी.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-84158968762358497512015-09-06T17:22:17.399+05:302015-09-06T17:22:17.399+05:30आपने बहुत अच्छी कथा से अवगत कराया है.ऐसी कथाओं से ...आपने बहुत अच्छी कथा से अवगत कराया है.ऐसी कथाओं से शहरी लोग अपरचित ही हैं.उन्हें तो न सावन का पता चलता है और न ही बारिश में भीगने का आनंद.<br />मुझे पता है आज भी गाँवों तथा छोटे कस्बों में हर मौसम को किस तरह आनंदित हो मस्ती भरे गीत गाते हुए झूमने लगते हैं.उन्हें करीब से देखना अच्छा लगता है.<br />इतनी खुबसूरत कथा से परिचय करवाया है आपने, इसके लिए आभारी हूँ.<br />अशोक आंद्रे ashok andreyhttps://www.blogger.com/profile/03418874958756221645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-32947297517645644622015-09-05T10:59:56.010+05:302015-09-05T10:59:56.010+05:30जिसका जन्म ननिहाल में हुआ हो वो आँगन में दीया जलाय...जिसका जन्म ननिहाल में हुआ हो वो आँगन में दीया जलाये तो भी बारिश रुकने का टोटका मानते हैं बिहार मेंविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-43874011991673437012015-09-04T21:49:14.688+05:302015-09-04T21:49:14.688+05:30बहुत रोचक जानकारी...वैसे देश के सभी हिस्सों में बा...बहुत रोचक जानकारी...वैसे देश के सभी हिस्सों में बारिस रोकने के लिए अलग अलग टोटके अपनाये जाते हैं....Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-60832764159238661182015-09-04T16:35:32.030+05:302015-09-04T16:35:32.030+05:30meri daadi gudiya ulti taang deti thi baarish rokn...meri daadi gudiya ulti taang deti thi baarish rokne ke liye,yaa ghar ki sabse boodhi aurat binaa kapdon ke chhat par jaati thisonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-50958097116029875662015-08-23T01:10:40.127+05:302015-08-23T01:10:40.127+05:30आप चुमुक की तरह बीते क्षणों को वर्तमान में खींच ला...आप चुमुक की तरह बीते क्षणों को वर्तमान में खींच लाने में माहिर हैं । हमारे जैसे लोगों के लिये यह किसी संजीवनी से कम नहीं हुआ करता । आपके शांतिनिकेतन वाले किस्से, भागलपुर के यतीमख़ाने के किस्से अभी भी मेरी स्मृति में जीवंत हैं .......। आपसे इसीलिये शिकायत भी है ..... कई बार लम्बी डुबकी लगा जाती हैं आप ! बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-35475031285653201152015-08-23T01:03:40.083+05:302015-08-23T01:03:40.083+05:30टोटका नहीं .....खाली दुकानदार का बटखरा तौलने जैसा ...टोटका नहीं .....खाली दुकानदार का बटखरा तौलने जैसा है यह । <br /><br />बरसाती टोटके लिखकर, मालूम है आपने क्या किया है ? <br />आपने किताब के पन्नों में दबे बरसों पुराने मौलश्री के फूलों को निकालकर बिखेर दिया है ...इन दबे-मुड़े सूखे फूलों की बसी हुयी ख़ुश्बू मेरे अंतस में भीतर तक समाती चली जा रही है । गाँव के दृष्यों को उनकी असली ख़ुश्बू के साथ परोसने के लिये "धन्यवाद" एक बहुत मामूली सा शब्द है । बस ! इतना कहूँगा ... "पाँव परतानी जीनी दिदिया !" बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-16605652991856195922015-08-22T22:04:22.911+05:302015-08-22T22:04:22.911+05:30सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
मे...सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..<br />मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार...JEEWANTIPShttps://www.blogger.com/profile/17470194490274952584noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-21896262310134303042015-08-21T16:02:29.433+05:302015-08-21T16:02:29.433+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (22-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (22-08-2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "बौखलाने से कुछ नहीं होता है" (चर्चा अंक-2075) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4067321239050594357.post-22601518837802022402015-08-20T23:04:19.970+05:302015-08-20T23:04:19.970+05:30बहुत रोचक जानकारी...पुराने समय में सभी समस्याओं के...बहुत रोचक जानकारी...पुराने समय में सभी समस्याओं के लिए कुछ न कुछ टोटके हुआ करते थे जिनको धीरे धीरे लोग भूलते जा रहे हैं...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.com